पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले हरविंदर सिंह को पद्म श्री सम्मान
पैरालंपिक तीरंदाजी में भारत का पहला स्वर्ण पदक

भारत के पहले पैरा-तीरंदाजी में स्वर्ण पदक विजेता हरविंदर सिंह को शनिवार को 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर प्रतिष्ठित पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें पैरा खेलों में देश के लिए अभूतपूर्व योगदान के लिए दिया गया है।
हरविंदर सिंह ने 2024 के पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की व्यक्तिगत रिकर्व ओपन स्पर्धा में पोलैंड के लुकास सिसेक को 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस शानदार जीत के साथ हरविंदर ने भारत के लिए चौथा स्वर्ण पदक जीता और पैरा तीरंदाजी में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
हरविंदर सिंह की इस ऐतिहासिक उपलब्धि को मान्यता देते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और खेल के प्रति उनकी लगन को सराहने का प्रतीक है।हरविंदर सिंह की इस जीत ने भारत को पैरालंपिक तीरंदाजी में एक नई पहचान दिलाई है। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन ने न केवल देश को गौरवान्वित किया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि मेहनत और हौसले से हर बाधा को पार किया जा सकता है।
हरविंदर सिंह की यात्रा आसान नहीं रही। बचपन में पोलियो की वजह से उनकी शारीरिक क्षमता प्रभावित हुई, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। उन्होंने तीरंदाजी को अपना जुनून बनाया और लगातार अपने खेल में सुधार करते रहे। उनके इसी जज्बे ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया है।
हरविंदर सिंह की इस उपलब्धि ने देशभर में प्रशंसा बटोरी है। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी ने लाखों युवाओं को प्रेरणा दी है। सोशल मीडिया पर फैंस और खेल प्रेमियों ने उन्हें बधाई देते हुए उनकी सराहना की है।हरविंदर सिंह को पद्म श्री मिलने पर खेल मंत्री और अन्य गणमान्य नेताओं ने उन्हें बधाई दी। खेल मंत्री ने कहा कि हरविंदर की यह उपलब्धि देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है और उनके प्रदर्शन ने भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है।
हरविंदर सिंह की इस सफलता से भारत को भविष्य में और भी शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है। उन्होंने दिखा दिया है कि प्रतिभा और मेहनत के दम पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।हरविंदर सिंह को उनके इस सम्मान और उपलब्धि के लिए देशभर से शुभकामनाएं मिल रही हैं।