
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) पहुंचे। उनका यह दौरा केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के अगले निदेशक की नियुक्ति को लेकर था। सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए गठित तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय चयन समिति की बैठक में वह बतौर सदस्य शामिल हुए।
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है, लेकिन यह निर्णय प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित न्यायाधीश वाली तीन सदस्यीय समिति की सिफारिश के आधार पर होता है।
इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। राहुल गांधी इस समिति में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर शामिल हुए, जबकि सुप्रीम कोर्ट की ओर से भारत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक वरिष्ठ न्यायाधीश प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहे।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में सीबीआई के अगले निदेशक पद के लिए कई वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर चर्चा हुई। मौजूदा सीबीआई निदेशक सुबोध कुमार जायसवाल का कार्यकाल जल्द समाप्त हो रहा है, और उनके उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
सीबीआई देश की शीर्ष जांच एजेंसी है, जो भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराधों और हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच करती है। इसलिए इसके निदेशक का चयन अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। यह पद दो वर्ष के निश्चित कार्यकाल के लिए होता है, जिसे विस्तार भी दिया जा सकता है।राहुल गांधी की इस प्रक्रिया में भागीदारी को विपक्ष की सक्रियता के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने पहले भी कई बार सीबीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाए हैं।
हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है कि चयन समिति ने किस नाम पर सहमति जताई है। सरकार जल्द ही सीबीआई निदेशक के नाम की औपचारिक घोषणा कर सकती है।इस बैठक को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा तेज है, क्योंकि सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति को देश की न्यायिक और प्रशासनिक प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है।