
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि भारत आतंकवाद के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि “आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, और खून और पानी भी एक साथ नहीं बह सकते।”
प्रधानमंत्री का यह बयान भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर देश की स्थिति को दोहराने वाला है, जो खासकर सीमा पार से जारी आतंकवाद के मुद्दे को लेकर वर्षों से तनावपूर्ण रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब तक पाकिस्तान की सरज़मीं से आतंकवाद फैलाया जाता रहेगा, तब तक भारत किसी भी प्रकार के सामान्य रिश्ते की उम्मीद नहीं कर सकता।
“दुनिया को यह समझना होगा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहा है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन वह अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।प्रधानमंत्री का यह बयान सिंधु जल संधि और जल बंटवारे के मुद्दे की ओर भी इशारा करता है। भारत लंबे समय से यह कहता आ रहा है कि पाकिस्तान अगर आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करता, तो भारत भी सिंधु जल समझौते की समीक्षा कर सकता है।
“जब हमारे जवान शहीद हो रहे हों, जब निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हों, तब यह कैसे संभव है कि हम उन्हें पानी दें और व्यापार भी करें?” प्रधानमंत्री ने सवाल उठाया।पिछले कुछ वर्षों में भारत और पाकिस्तान के संबंधों में लगातार ठहराव बना हुआ है। पुलवामा हमले और उसके बाद की बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक और व्यापारिक रिश्तों में कटौती की थी।
इसके बाद से भारत लगातार यह कहता आया है कि कोई भी बातचीत तभी संभव है जब पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह समाप्त करे।प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत अब “नई नीति” पर काम कर रहा है — जिसमें बातचीत का आधार आतंक से दूरी और विश्वास पर आधारित होगा।
“अब यथास्थिति की राजनीति नहीं चलेगी। भारत अब निर्णायक कार्रवाई और स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रहा है,” प्रधानमंत्री ने कहा।प्रधानमंत्री के इस बयान को पाकिस्तान के लिए एक बार फिर स्पष्ट संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि आतंक के माहौल में किसी भी प्रकार का सहयोग या बातचीत संभव नहीं है।