पुणे पुल दुर्घटना: मृतकों के परिवारों को 5 लाख की राहत राशि
सरकारी द्वारा मदद और सख्त जांच के आदेश

पुणे के पास इंद्रायणी नदी पर बने पुराने पुल का रविवार शाम को अचानक ढह जाना एक बेहद दर्दनाक हादसा बन गया। यह घटना तब हुई जब बड़ी संख्या में लोग पर्यटन स्थल कुण्डमाला घूमने आए थे। हादसे के वक्त पुल पर करीब 100 से ज्यादा लोग मौजूद थे। देखते ही देखते पुल टूट गया और लोग पानी में गिरने लगे। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें एक बच्चा भी शामिल है, और कई लोग घायल हुए हैं।
मौके पर पहुंची राहत टीमों ने युद्ध स्तर पर बचाव कार्य शुरू किया। एनडीआरएफ, पुलिस और दमकल विभाग के साथ स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए। जिला प्रशासन ने बताया कि गंभीर रूप से घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है और उनकी देखभाल का पूरा खर्च सरकार उठाएगी।
जिला कलेक्टर जितेंद्र दुडी ने हादसे पर गहरा शोक जताया और कहा कि मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति बना दी गई है जो जल्द रिपोर्ट सौंपेगी।
राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस हादसे को गंभीरता से लिया है और राज्य के सभी पुराने पुलों की संरचनात्मक जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी माना कि इस पुल को पहले ही ‘असुरक्षित’ घोषित किया जा चुका था, फिर भी वहां आवाजाही जारी थी।
हादसे के बाद पूरे इलाके में मातम का माहौल है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके घरों में दुख और खामोशी पसरी हुई है। कई लोग अब भी सदमे में हैं और प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं कि अगर पुल पहले से ही जर्जर था तो इसे पूरी तरह बंद क्यों नहीं किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि चेतावनी बोर्ड लगे होने के बावजूद न तो पुल की निगरानी की जा रही थी और न ही उस पर आवाजाही रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम थे। अब जब जानें चली गईं, तब प्रशासन हरकत में आया है। यह हादसा न सिर्फ एक बुनियादी ढांचे की विफलता है, बल्कि एक प्रशासनिक चूक भी है, जिसकी कीमत आम लोगों ने अपनी जान देकर चुकाई है।