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थियेटर में मिलने वाले पॉपकॉर्न पर 18% नहीं, 5% GST ही लागू: सरकार का स्पष्टीकरण

सरकार ने दी सफाई, थियेटर में मिलने वाले पॉपकॉर्न पर उपभोक्ताओं को राहत

सोशल मीडिया पर कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि थियेटरों में परोसे जाने वाले पॉपकॉर्न पर केवल 5 प्रतिशत GST ही लागू होगा।हाल ही में सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हुई थी कि कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न और अन्य प्रकार के पॉपकॉर्न पर 18 प्रतिशत GST लगाया जा रहा है। इस खबर के बाद थियेटर मालिकों और उपभोक्ताओं ने सरकार की आलोचना शुरू कर दी थी।

उपभोक्ताओं ने इसे “अन्यायपूर्ण कर” बताया।लोगों ने पॉपकॉर्न की बढ़ती कीमतों को लेकर मेम्स और पोस्ट के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की।सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह नियम केवल पैक और ब्रांडेड कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न पर लागू होता है, जो सुपरमार्केट या अन्य दुकानों में बेचे जाते हैं।थियेटर में ताजा परोसे जाने वाले पॉपकॉर्न पर केवल 5% GST लागू रहेगा।सरकार ने कहा, “थियेटर में बेचा जाने वाला पॉपकॉर्न ‘रेडी टू ईट’ कैटेगरी में आता है, इसलिए इस पर 5% GST ही लिया जाएगा।”

  • 5% GST: ताजा परोसे गए और ‘रेडी टू ईट’ खाद्य पदार्थों पर।
  • 18% GST: प्रोसेस्ड और पैक्ड कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न जैसी वस्तुओं पर।
  • यह दरें GST परिषद द्वारा तय की गई हैं और समय-समय पर संशोधित होती हैं।

सरकार की सफाई के बाद उपभोक्ताओं और व्यवसायियों ने राहत की सांस ली।थियेटर मालिकों ने कहा कि पॉपकॉर्न की बिक्री में कोई वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन इस तरह की अफवाहों से उपभोक्ताओं की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ता है।उपभोक्ताओं ने इस स्पष्टीकरण का स्वागत किया, लेकिन किराना और सुपरमार्केट में मिलने वाले पॉपकॉर्न की उच्च कीमतों को लेकर चिंता व्यक्त की।

सरकार ने स्पष्ट किया कि कैरामलाइज्ड पॉपकॉर्न को अन्य प्रोसेस्ड और पैक्ड स्नैक्स की श्रेणी में रखा गया है, जिस पर 18 प्रतिशत GST लागू होता है। यह कर दर पैकिंग और प्रोसेसिंग की लागत को देखते हुए तय की गई है।सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि थियेटरों में पॉपकॉर्न खरीदने वालों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। सोशल मीडिया पर फैले भ्रम को दूर करते हुए सरकार ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक घोषणाओं को ही मानें।

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