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पटना के नवनिर्मित जेपी गंगा पथ पुल में उद्घाटन के 72 घंटे बाद ही दरारें, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

जनता का गुस्सा फूटा

बिहार की राजधानी पटना में 10 अप्रैल 2025 को उद्घाटन हुए जेपी गंगा पथ पुल में महज 72 घंटे बाद ही दरारें आना शुरू हो गई हैं। करीब 3,831 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल में दिदारगंज के पास दोनों लेन में दरारें देखी गईं, जिससे लोगों में भारी नाराज़गी और चिंता फैल गई है।

पुल के उद्घाटन के कुछ ही दिनों में इस तरह की बड़ी तकनीकी खामी सामने आना निर्माण की गुणवत्ता और प्रशासनिक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। यह पुल राजधानी को उत्तर बिहार से जोड़ने के लिए एक अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट माना जा रहा था।स्थानीय लोगों ने बताया कि दरारें इतनी गंभीर हैं कि वाहन चालकों को खतरे का सामना करना पड़ रहा है। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पुल की दरारों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

दरारों की खबर फैलते ही लोगों में गुस्सा और नाराजगी देखने को मिली। आम जनता ने निर्माण एजेंसियों और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी अगर पुल सिर्फ कुछ ही दिनों में क्षतिग्रस्त हो रहा है, तो यह कहीं न कहीं भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण का नतीजा है।बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में यह घटना राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गई है। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा है कि आखिर इतनी बड़ी परियोजना की निगरानी में चूक कैसे हुई।

अब तक इस मामले पर निर्माण एजेंसी या सरकार की ओर से कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इंजीनियरों की एक टीम मौके पर भेजी गई है जो दरारों की जांच कर रही है।जेपी गंगा पथ को पटना का ‘ईस्टर्न बाइपास’ भी कहा जाता है, जो शहर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह पुल गंगा नदी के किनारे एक शानदार कनेक्टिविटी कॉरिडोर के रूप में देखा जा रहा था।

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