
दिल्ली सरकार ने राजधानी में 280 मोहल्ला बसों को सड़कों पर उतारने की मंजूरी दे दी है। इन मिनी इलेक्ट्रिक बसों का उद्देश्य दिल्ली की संकरी गलियों और घनी बस्तियों में लोगों को बेहतर सार्वजनिक परिवहन सुविधा देना है, खासतौर पर उन इलाकों में जहां अभी तक बस कनेक्टिविटी सीमित है।
दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों और बाहरी इलाकों जैसे नजफगढ़, नरेला, बवाना, महरौली और छतरपुर में ये बसें विशेष रूप से चलाई जाएंगी। इन इलाकों में अभी तक बड़े साइज की डीटीसी बसें सुचारू रूप से नहीं चल पातीं क्योंकि सड़कें संकरी हैं या अंदरूनी रास्ते जटिल हैं।
ये मोहल्ला बसें पूरी तरह इलेक्ट्रिक होंगी, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आएगी और दिल्ली के पर्यावरण को राहत मिलेगी। सरकार का उद्देश्य न केवल परिवहन सुविधा को बेहतर बनाना है, बल्कि हरित और टिकाऊ यात्रा को भी बढ़ावा देना है।एक वरिष्ठ परिवहन अधिकारी ने बताया, “यह योजना खासकर उन लोगों के लिए है जिन्हें अपने घरों से मेट्रो या बड़ी बस स्टॉप तक पहुंचने में कठिनाई होती है। अब वे मोहल्ला बसों के जरिए आसानी से मुख्य रूट से जुड़ पाएंगे।”
इन मिनी बसों की मदद से महिलाएं, बुजुर्ग और स्कूली बच्चे अब अपने मोहल्लों से मुख्य बाजारों, अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। सरकार का मानना है कि यह पहल दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन ढांचे को जमीनी स्तर तक मजबूती देगी।परिवहन विभाग जल्द ही इन बसों के रूट और संचालन समय की घोषणा करेगा। शुरू में ये बसें 15 से 20 किलोमीटर के भीतर की दूरी तय करेंगी और उनकी आवृत्ति हर 15-20 मिनट पर होगी।
भाजपा नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार का कहना है कि राजधानी के हर नागरिक को किफायती, सुविधाजनक और सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन मिलना चाहिए। इस कदम को उसी दिशा में एक मजबूत प्रयास माना जा रहा है।यह पहल दिल्लीवासियों के लिए मोहल्ले स्तर पर परिवहन की दिशा में एक नई उम्मीद लेकर आई है।