पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की दिनदहाड़े हत्या से सनसनी, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बोले – “कोई अपराधी नहीं बचेगा”

पटना के व्यस्त इलाके में उस वक्त हड़कंप मच गया जब जानी-मानी कारोबारी और बीजेपी समर्थक गोपाल खेमका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। शनिवार सुबह जब वह अपनी कार में बैठे थे, तभी एक व्यक्ति जो हेलमेट पहने हुए था, उनकी कार के पास आया और बेहद नज़दीक से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। घटनास्थल पर ही खेमका की मौत हो गई। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में यह पूरी वारदात रिकॉर्ड हो गई, जिसे देखकर साफ लगता है कि यह एक सुनियोजित और पेशेवर तरीके से की गई हत्या थी। घटना के तुरंत बाद पूरे शहर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं, और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने मौके से सबूत इकट्ठा किए। शुरुआती जांच में सामने आया है कि हमलावर ने वारदात को अंजाम देने के बाद तुरंत बाइक से फरार हो गया। जिस तरह से यह हमला हुआ है, उससे पुलिस को शक है कि हमलावर को खेमका की दिनचर्या और मूवमेंट की पूरी जानकारी पहले से थी।
घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इस हत्या की हर एंगल से जांच की जा रही है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और अपराधियों को जल्द ही सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। चौधरी ने यह भी जोड़ा कि इस तरह की घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और राज्य में कानून का राज सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं, इस दर्दनाक घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इसे ‘जंगलराज’ की वापसी बताया है। आरजेडी समेत कई दलों ने सरकार से तुरंत सख्त कदम उठाने की मांग की है। पप्पू यादव और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि अगर व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोगों का क्या होगा।
स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों में इस घटना के बाद भारी डर और असुरक्षा का माहौल है। कई व्यापारी संगठनों ने सरकार से सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है और कहा है कि अगर जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए तो व्यापारी वर्ग आंदोलन का रास्ता भी अपना सकता है। पुलिस फिलहाल सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स के आधार पर हमलावर की पहचान और उसकी लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही पुलिस इस केस में बड़ी कार्रवाई करेगी।गोपाल खेमका की हत्या ने पटना जैसे बड़े और आमतौर पर शांत शहर को दहला दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार इस चुनौती से निपटने में सफल हो पाती है और पीड़ित परिवार को समय रहते न्याय मिल पाता है या नहीं। फिलहाल इतना तय है कि यह घटना बिहार की राजनीति और प्रशासनिक सख्ती दोनों की अग्निपरीक्षा बन चुकी है।