
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में अप्रैल महीने में हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में एक अहम मोड़ सामने आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस हमले में मदद करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया। अदालत ने इन दोनों आरोपियों को 5 दिन की एनआईए रिमांड पर भेजी है। NIA का कहना है कि ये दोनों आरोपी पाकिस्तानी आतंकवादियों को खाना और शेल्टर देने में शामिल थे। ये वही आतंकी हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को पाहलगाम के पास बौलसर टॉप पर हमला किया था, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी और 16 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन TRF (The Resistance Front) द्वारा किया गया था।
जांच एजेंसी के अनुसार, तीनों पाकिस्तानी आतंकी इस हमले से दो दिन पहले भारत में घुसे थे। उन्होंने 20 अप्रैल को स्थानीय लोगों से मदद ली थी। NIA को शक है कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोगों ने उन्हें रहने की जगह, खाना और रास्ता दिखाने में मदद की थी। ये मदद बिना किसी डर या मजबूरी के की गई थी, जो कि सीधे-सीधे आतंकी गतिविधि में सहयोग माना जा रहा है। इस मामले में आरोपियों पर UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत केस दर्ज हुआ है। अदालत से 5 दिन की रिमांड मिलने के बाद NIA अब इनसे और पूछताछ करेगी, जिससे यह पता लगाया जा सके कि आतंकियों की मदद के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं।
NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त जांच में अब तक 200 से ज्यादा गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है। इनमें आसपास के दुकानदार, स्थानीय लोग, टूर गाइड और घोड़े वाले शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि हमलावरों में से एक आतंकी पाकिस्तानी सेना का पूर्व कमांडो रह चुका है। यह गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी गयी क्योंकि इससे उन नेटवर्क्स का पता लगाने में मदद मिलेगी जो पाकिस्तान से भारत में आतंकियों को घुसने में मदद करते हैं। NIA को उम्मीद है कि आगे की पूछताछ में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।