
कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली भूमिका की खुलकर तारीफ की है। एक समाचार पत्र में लिखे गए अपने कॉलम में थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए उन्हें “भारत की प्रमुख संपत्ति (Prime Asset for India)” बताया है।
थरूर का यह बयान खासा चर्चा में है क्योंकि वे आमतौर पर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। लेकिन इस बार उन्होंने कूटनीतिक सफलता को स्वीकारते हुए इसे राष्ट्रीय हितों के लिए उपयोगी और प्रभावशाली प्रयास बताया।
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान में स्थित आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए एक निर्णायक सैन्य कदम का नाम है। इस कार्रवाई के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत समर्थन मिला। शशि थरूर ने अपने लेख में लिखा कि यह समर्थन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रिय वैश्विक कूटनीति का परिणाम है, जिससे भारत की छवि एक सशक्त और निर्णायक राष्ट्र के रूप में बनी।
थरूर खुद उस पांच-देशीय राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के पक्ष में वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए रवाना हुआ था। उन्होंने लिखा कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस, रूस और जर्मनी जैसे देशों के शीर्ष अधिकारियों से हुई बातचीत में भारत का पक्ष मजबूती से रखा गया, और इसमें पीएम मोदी की अंतरराष्ट्रीय साख ने बड़ी भूमिका निभाई।
थरूर के अनुसार,
“जब एक देश के प्रधानमंत्री को वैश्विक स्तर पर गंभीरता से सुना जाता है, तो इससे कूटनीति को मजबूती मिलती है। प्रधानमंत्री मोदी इस भूमिका को बखूबी निभा रहे हैं।”
थरूर का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि यह पार्टी लाइन से हटकर दिया गया है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच तीखे राजनीतिक मतभेदों के बावजूद थरूर ने मोदी की कूटनीतिक नेतृत्व क्षमता की खुले दिल से प्रशंसा की है। उन्होंने यह भी लिखा कि,
“राजनीतिक मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन जब बात देश की प्रतिष्ठा और राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो हमें नेतृत्व की सराहना करनी चाहिए।”
शशि थरूर के इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। भाजपा समर्थकों ने थरूर के इस बयान को ‘सच्चाई की स्वीकारोक्ति’ बताया, वहीं कांग्रेस के कुछ समर्थकों ने इसे ‘गैरजरूरी प्रशंसा’ कहा। हालांकि, कई लोगों ने इसे भारतीय राजनीति में परिपक्वता की मिसाल भी माना।
शशि थरूर का यह बयान बताता है कि भारत की विदेश नीति में प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है। राजनीतिक मतभेदों से परे जाकर, अगर किसी नेता की भूमिका को देशहित में सराहा जाता है, तो यह भारतीय लोकतंत्र की परिपक्वता का संकेत है।