पुरी बीच पर सुदर्शन पटनायक ने तंबाकू के खतरों को दिखाने के लिए रेत की अनोखी कला बनाई
जनता को जागरूक करने का संदेश

विश्व नो-तंबाकू दिवस के मौके पर ओडिशा के प्रख्यात रेत कलाकार और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर एक अनोखी रेत कला बनाकर लोगों को जागरूक किया। इस बार उनकी कला का संदेश था – “तंबाकू से हो रही मौतें”। इस रेत मूर्ति में उन्होंने कंकाल का चित्रण किया और उसके चारों तरफ हजारों सिगरेट की आकृतियाँ लगाई थीं, जो इस बात का प्रतीक है कि तंबाकू से हर साल लाखों लोग असमय काल का शिकार हो जाते हैं।
सुदर्शन पटनायक ने कहा, “तंबाकू के कारण हर साल लाखों लोग जान गंवा रहे हैं। मेरा यह प्रयास लोगों को इस खतरनाक लत से बचाने के लिए है। रेत की इस कला के माध्यम से मैं सभी से अपील करता हूँ कि तंबाकू का सेवन न करें और खुद को व अपने परिवार को सुरक्षित रखें।”
पुरी के समुद्र तट पर बनी इस रेत मूर्ति में एक विशाल कंकाल दिखाया गया है, जो मानो तंबाकू की लत से मर चुका हो। कंकाल के चारों तरफ हजारों सिगरेट की आकृतियाँ लगी हुई थीं। इस कलाकृति को देखने आए लोग इसकी तस्वीरें खींचते और कलाकार के संदेश को सराहते नज़र आए।
हर साल 31 मई को विश्व नो-तंबाकू दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, तंबाकू से हर साल करीब 80 लाख लोगों की मौत होती है। इसके बावजूद तंबाकू उत्पादों का सेवन जारी है, खासकर युवाओं में। इसीलिए इस दिन का उद्देश्य लोगों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना है।
सुदर्शन पटनायक अपनी अनोखी रेत कलाकृतियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने समय-समय पर पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों पर रेत कला के माध्यम से जागरूकता फैलाई है। उनके इस प्रयास को लोग खूब सराहते हैं और सोशल मीडिया पर भी साझा करते हैं।
पुरी बीच पर इस रेत कला को देखने आए स्थानीय लोग और पर्यटक इस प्रयास से काफी प्रभावित हुए। एक दर्शक ने कहा, “सुदर्शन जी की कलाकृतियाँ हमेशा कुछ न कुछ संदेश देती हैं। इस बार का संदेश बहुत ज़रूरी है। हमें समझना होगा कि तंबाकू हमें धीरे-धीरे मार रहा है।”
सुदर्शन पटनायक ने अपनी कलाकृति के जरिए फिर से यह याद दिलाया कि तंबाकू की लत सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करती है। उन्होंने कहा, “हर साल लाखों लोग तंबाकू के कारण असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। मैं सभी से निवेदन करता हूँ कि इस लत से दूर रहें और अपने परिवार को स्वस्थ रखें।”इस अनोखी रेत कला ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कला सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सशक्त माध्यम है सामाजिक जागरूकता फैलाने का।