पाकिस्तान में एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय गानों पर प्रतिबंध, पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने बताया ‘देशभक्तिपूर्ण कदम’
भारतीय गानों को बताया 'सांस्कृतिक खतरा'

पाकिस्तान में एक बार फिर भारत विरोधी रुख देखने को मिला है। पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA) ने देश के सभी एफएम रेडियो स्टेशनों पर भारतीय गानों के प्रसारण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस कदम को ‘देशभक्ति से प्रेरित निर्णय’ बताते हुए इस पर अमल शुरू भी कर दिया गया है।
इस्लामाबाद में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि भारतीय गानों को एफएम रेडियो पर बजाने की अनुमति अब नहीं होगी। यह फैसला पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (PEMRA) के बीच आपसी सहमति से लिया गया है। PBA ने इस निर्णय को “देशभक्ति से जुड़ा कदम” करार दिया है, जो पाकिस्तान की सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए जरूरी है।
PBA का मानना है कि भारतीय गानों का प्रसारण पाकिस्तान की युवा पीढ़ी को सांस्कृतिक रूप से प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय संगीत और कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि भारतीय कंटेंट को सीमित किया जाए।यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में भारतीय संगीत या मनोरंजन सामग्री पर रोक लगाई गई है। भारत-पाक के बीच जब भी तनाव बढ़ा है, पाकिस्तान में भारतीय टीवी चैनलों, फिल्मों और संगीत पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठती रही है। 2016 और 2019 में भी ऐसे प्रतिबंध लगाए गए थे, हालांकि कुछ समय बाद उन्हें आंशिक रूप से हटा दिया गया।
इस निर्णय को लेकर पाकिस्तान के भीतर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। एक वर्ग इसे राष्ट्रहित में उठाया गया सही कदम मान रहा है, तो वहीं कई लोग इसे कला और संगीत की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं कि क्या ऐसे प्रतिबंध वाकई में देशभक्ति दिखाने का तरीका हैं।
फिलहाल भारत सरकार या किसी भारतीय संगठन की ओर से इस प्रतिबंध पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारतीय संगीत उद्योग से जुड़े कई लोग पहले भी ऐसे प्रतिबंधों को राजनीतिक निर्णय बताते आए हैं, जिनका सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर नकारात्मक असर पड़ता है।PBA ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब एफएम चैनलों पर केवल पाकिस्तानी संगीत को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे स्थानीय कलाकारों को ज्यादा अवसर मिलेंगे और देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सकेगा।