
उत्तराखंड स्थित विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट विधिवत रूप से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शनिवार सुबह वैदिक मंत्रोच्चारण और पारंपरिक रीति-रिवाजों के बीच भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए कपाट खोले गए। इस शुभ अवसर पर मंदिर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था, जिसकी सुंदरता ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
चारधाम यात्रा 2025 की यह आधिकारिक शुरुआत केदारनाथ धाम से हुई, जहां देशभर से आए हजारों भक्तों ने भगवान शिव के दर्शन कर आस्था और श्रद्धा प्रकट की। सुबह की आरती, मंत्रोच्चार और गूंजते डमरुओं की ध्वनि ने पूरे परिसर को दिव्यता से भर दिया।कपाट खुलने की प्रक्रिया पारंपरिक विधि से पूरी की गई, जिसमें मुख्य पुजारियों और तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर में मौजूद हर भक्त की आंखों में आस्था और भावुकता का अद्भुत संगम देखा गया।
केदारनाथ धाम में इस बार केवल भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। भक्तों ने कहा कि इतनी भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव उन्हें कहीं और नहीं हुआ। तीर्थयात्रियों ने इस अवसर को जीवन का पुण्यतम क्षण बताया।श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस बल, आईटीबीपी और अन्य एजेंसियों की तैनाती के साथ ड्रोन से निगरानी भी की जा रही थी। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मेडिकल और आपदा प्रबंधन टीमें भी तैनात रहीं।
इस बार केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से करीब 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया, जिसमें गेंदा, गुलाब और अन्य रंग-बिरंगे फूलों का उपयोग किया गया। मंदिर की दीवारों से लेकर गर्भगृह तक हर कोना आस्था की खुशबू से महक उठा।
हिमालय की गोद में बसा यह पवित्र धाम हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच भगवान शिव के इस धाम में पहुंचना स्वयं में एक आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव है।चारधाम यात्रा की शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन का नया चरण आरंभ हो चुका है। श्रद्धालुओं के उत्साह और प्रशासन की तैयारी ने इस आयोजन को विशेष बना दिया।