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कॉमेडियन समय रैना ने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ से संबंधित विवाद पर दी खुली प्रतिक्रिया

'इंडियाज गॉट लेटेंट' में आपत्तिजनक चुटकुलों पर विवाद

लोकप्रिय कॉमेडियन समय रैना ने बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के एक हालिया एपिसोड में दिखाई गई आपत्तिजनक चुटकुलों को लेकर उठे व्यापक विवाद पर अपना बयान दिया। रैना ने कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य लोगों को हँसाना था, और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हास्य कला में कभी-कभी विवादास्पद सामग्री भी हो सकती है।

समय रैना ने अपने बयान में स्पष्ट किया, “मेरा केवल यही उद्देश्य था कि लोग हँसें।” उन्होंने कहा कि उन्होंने शो के उन सभी वीडियोस को अपने चैनल से हटा दिया है, जिनमें आपत्तिजनक चुटकुले शामिल थे। रैना का मानना है कि हास्य में अतिरंजना अक्सर होती है, लेकिन उनका उद्देश्य कभी भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं होता।

समय रैना ने आगे कहा कि वह और उनके शो के अन्य कलाकार पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न शिकायतों के संदर्भ में सभी संबंधित एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं सभी एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हूं।” इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि रैना कानूनी प्रक्रिया का सम्मान करते हुए अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तत्पर हैं।

‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के उस एपिसोड में शामिल आपत्तिजनक चुटकुलों को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफी आलोचना और विरोधाभासी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कई दर्शकों ने इसे अति आपत्तिजनक बताते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की, वहीं कुछ ने इसे कॉमेडी के पारंपरिक रूप के अंतर्गत समझने की कोशिश की। रैना ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनके हास्य में किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री का उद्देश्य केवल मनोरंजन था और इसे गलत रूप में नहीं समझा जाना चाहिए।

समय रैना के इस बयान से यह संकेत मिलता है कि वह विवादास्पद विषयों पर खुलकर चर्चा करने से नहीं हिचकते, बल्कि अपनी कला के प्रति ईमानदार रहते हैं। उनके इस स्पष्ट और जिम्मेदार बयान ने दर्शकों और आलोचकों के बीच एक नया मोड़ लाया है। अब आगे यह देखना होगा कि कानूनी जांच और संबंधित एजेंसियों द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है।

समय रैना ने अपने बयान में यह स्पष्ट कर दिया कि हास्य का उद्देश्य मनोरंजन है और किसी भी विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाना ही बेहतर है। उनके इस कदम से उम्मीद जताई जा रही है कि विवादास्पद मामलों में कलाकारों और प्रशासन के बीच सहयोग बढ़ेगा, जिससे कला की स्वतंत्रता और रचनात्मकता को भी उचित स्थान मिल सकेगा।

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