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बेंगलुरु स्टेडियम भगदड़: RCB, क्रिकेट संघ और आयोजकों पर पुलिस ने दर्ज की स्वतः संज्ञान FIR

चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ से 11 की मौत

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रविवार को हुए भयावह भगदड़ हादसे के बाद, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई, अब कानूनी कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में स्वतः संज्ञान (suo motu) लेते हुए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB), कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA), आयोजन संस्था DNA नेटवर्क्स और अन्य संबंधित एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

यह हादसा उस समय हुआ जब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ऐतिहासिक जीत के बाद विजय जुलूस और जश्न के लिए भारी संख्या में लोग चिन्नास्वामी स्टेडियम में इकट्ठा हुए थे। आयोजकों द्वारा सुरक्षा प्रबंधों की भारी कमी और भीड़ नियंत्रण में लापरवाही के चलते भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

बेंगलुरु पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में निम्नलिखित के नाम शामिल हैं- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) – आयोजन का प्रमुख कारण बनने और लोगों को आमंत्रित करने के लिए, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) – स्टेडियम की देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी में लापरवाही के लिए, DNA नेटवर्क्स – आयोजन प्रबंधन में गंभीर खामियों के लिए, अन्य अज्ञात व्यक्तियों और संस्थाओं – जो इस आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े थे।

एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 304A (लापरवाही से मृत्यु), 337 (दूसरों को चोट पहुंचाना), 338 (गंभीर चोट पहुंचाना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत दर्ज की गई है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया,

“हमने प्रारंभिक जांच और घटनास्थल पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर यह एफआईआर स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज की है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि पीड़ितों को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।”

पुलिस ने यह भी कहा कि वह आयोजन की अनुमति प्रक्रिया, सुरक्षा योजनाओं और टिकट वितरण में हुई संभावित अनियमितताओं की गहन जांच करेगी।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा था कि,

“यह त्रासदी बेहद पीड़ादायक है और इसने जीत की खुशी को भी फीका कर दिया है।”
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की और मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए।घटना के बाद RCB और KSCA दोनों ने शोक संदेश जारी किए और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। हालांकि, अब पुलिस की कानूनी कार्रवाई के बाद इन संस्थाओं की जवाबदेही तय की जा रही है।

बेंगलुरु की यह घटना न केवल एक जश्न को मातम में बदलने वाली त्रासदी थी, बल्कि इसने आयोजन प्रबंधन में पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। पुलिस की कार्रवाई और जांच से यह उम्मीद है कि दोषियों को सज़ा मिलेगी और भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी।

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