भारत की अंतरिक्ष यात्रा को झटका: शुभांशु शुक्ला की Axiom Mission 4 की लॉन्चिंग फिर टली
ISS के ज़्वेज़्दा मॉड्यूल में रिसाव

भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में 41 वर्षों बाद वापसी का सपना फिर अधूरा रह गया है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के शामिल Axiom Mission 4 की लॉन्चिंग को एक बार फिर टाल दिया गया है। इस बार कारण बना है अंतरिक्ष में स्थित इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में एक नया रिसाव (लीक) और SpaceX के Falcon 9 रॉकेट में तकनीकी समस्याएं।
नासा और Axiom Space ने संयुक्त बयान में कहा कि हाल ही में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ज़्वेज़्दा (Zvezda) सर्विस मॉड्यूल में मरम्मत के बाद नई प्रेशर सिग्नेचर (दबाव में बदलाव) दर्ज की गई है, जो संभावित रिसाव की ओर इशारा करती है। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस पर तत्काल रोक लगाई गई है।
Axiom Mission 4 को 11 जून 2025 को लॉन्च किया जाना था। यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक होता क्योंकि 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद यह पहली बार होता जब कोई भारतीय नागरिक अंतरिक्ष की यात्रा करता। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
इस मिशन को ISRO, NASA और Axiom Space तीनों एजेंसियां मिलकर संचालित कर रही हैं। तीनों संस्थाओं ने यह स्पष्ट किया है कि “क्रू की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है” और जब तक हर तकनीकी पहलू की समीक्षा, जाँच और पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक लॉन्च को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
ISS में रिसाव के अलावा SpaceX के Falcon 9 रॉकेट में भी तकनीकी खामियां सामने आई हैं। इन समस्याओं को दूर करने में वैज्ञानिक और इंजीनियरों की टीमें लगातार काम कर रही हैं। SpaceX ने भरोसा जताया है कि सभी मुद्दों को जल्द सुलझा लिया जाएगा, लेकिन फिलहाल कोई नई तारीख घोषित नहीं की गई है।
उत्तर प्रदेश के मूल निवासी और एयरोनॉटिक्स में प्रशिक्षित शुभांशु शुक्ला को इस मिशन में शामिल करना भारत के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित एक युवा और उत्साही अंतरिक्ष यात्री हैं और इस मिशन में उनके शामिल होने से भारत की अंतरिक्ष ताकत को नया बल मिला है।
फिलहाल, मिशन की अगली लॉन्च डेट की घोषणा नहीं की गई है। NASA, Axiom Space और ISRO की टीमें सभी तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं की पुनः जाँच कर रही हैं। यह स्पष्ट किया गया है कि अगली तारीख तब ही तय होगी जब ISS और रॉकेट दोनों पूरी तरह से सुरक्षित और विश्वसनीय माने जाएंगे।
Axiom Mission 4 की देरी जरूर निराशाजनक है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि मानव जीवन की सुरक्षा अंतरिक्ष अभियानों में सर्वोपरि है। शुभांशु शुक्ला और भारत की उम्मीदें अभी भी ज़िंदा हैं — और जब यह मिशन लॉन्च होगा, तो यह भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ने का काम करेगा।