राहुल गांधी के जन्मदिन पर अनोखा जश्न: 30,000 किताबों से बनी विशाल तस्वीर, पैरा एथलीट्स को भेंट की गईं साइकिलें
ज्ञान और सेवा को समर्पित जन्मदिन

कांग्रेस नेता और युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने राहुल गांधी के जन्मदिन को इस बार कुछ अलग और प्रेरणादायक अंदाज़ में मनाया। उन्होंने दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान 30,000 किताबों से बनी राहुल गांधी की एक विशाल तस्वीर का अनावरण किया, जो अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई है।
इन सभी किताबों को अब देशभर के जरूरतमंद छात्रों में उपहारस्वरूप वितरित किया जाएगा। इसके साथ ही, 100 से अधिक साइकिलें पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को भेंट की गईं, जिससे समारोह में एक सामाजिक और समावेशी पहल की भावना साफ झलकती है।
हर वर्ष की तरह इस बार भी कांग्रेस पार्टी और उनके समर्थकों ने राहुल गांधी का जन्मदिन सेवा भाव के साथ मनाया। श्रीनिवास बी.वी. ने इसे “ज्ञान और समानता को समर्पित” दिन बताते हुए कहा:
“राहुल जी के विचारों से प्रेरित होकर हमने इस वर्ष उनका जन्मदिन समाज के उन वर्गों को समर्पित किया है जिन्हें सबसे अधिक सहयोग और संवेदनशीलता की आवश्यकता है।”
राहुल गांधी की जो भव्य तस्वीर बनाई गई है, वह 30,000 किताबों से निर्मित की गई है और इसे देखकर लोग दंग रह गए। किताबें विभिन्न विषयों की हैं—शिक्षा, विज्ञान, इतिहास, नागरिक शास्त्र और प्रेरणात्मक साहित्य। आयोजन स्थल पर मौजूद हजारों लोगों ने इस अनूठी कृति को सराहा।
श्रीनिवास ने कहा कि इन सभी किताबों को देश के सरकारी स्कूलों, पुस्तकालयों और वंचित छात्रों को वितरित किया जाएगा ताकि शिक्षा का प्रकाश हर कोने में पहुंचे।
समारोह का एक और महत्वपूर्ण पहलू था — पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को 100 से अधिक साइकिलें उपहार में देना। ये साइकिलें खासतौर पर दिव्यांग एथलीट्स की ज़रूरतों के हिसाब से डिजाइन की गई हैं।
यह पहल न सिर्फ खेल प्रतिभाओं को सम्मान देने का कार्य है, बल्कि एक संदेश भी है कि समाज का हर हिस्सा समान अवसरों का हकदार है।
एक पैरा एथलीट ने कहा:
“हमारे प्रयासों की सराहना और सहयोग मिलने से हम और अधिक प्रेरित होते हैं। यह साइकिल हमारे अभ्यास और आत्मनिर्भरता दोनों में सहायक होगी।”
इस कार्यक्रम को किसी राजनीतिक बयानबाज़ी से दूर रखा गया और इसे समाज सेवा के रूप में प्रस्तुत किया गया। श्रीनिवास बी.वी. ने कहा कि राहुल गांधी के जन्मदिन को सिर्फ फूल-मालाओं तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसे लोगों की सेवा से जोड़ना ही उनका असली सम्मान है।राहुल गांधी के जन्मदिन को सेवा, शिक्षा और समानता के उत्सव में बदलने की यह पहल न केवल सराहनीय है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की मिसाल भी पेश करती है।