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CISF में बदलाव की मिसाल: अब IG रैंक पर आधे पदों पर महिलाएं

 

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी CISF ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो ना सिर्फ संगठन के भीतर बदलाव की बयार लेकर आया है, बल्कि देशभर में महिलाओं की भूमिका को लेकर सोचने का नज़रिया भी बदल सकता है। पहली बार, IG यानी इंस्पेक्टर जनरल रैंक पर आधे पदों पर महिलाएं नियुक्त हैं। यह कोई साधारण उपलब्धि नहीं, बल्कि एक संकेत है कि अब महिलाएं सुरक्षा जैसे ज़िम्मेदारी भरे क्षेत्रों में भी कंधे से कंधा मिलाकर नेतृत्व कर रही हैं।

CISF की यह उपलब्धि ऐसे वक्त में सामने आई है, जब लंबे समय से यह सवाल उठते रहे हैं कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की हिस्सेदारी इतनी कम क्यों है। जहां ज़्यादातर बलों में महिलाओं की संख्या आज भी पांच प्रतिशत से कम है, वहीं IG जैसे ऊंचे पदों पर यह संतुलन एक नई सोच और आत्मविश्वास का परिचायक है। हाल ही में CISF को पहली ऑल वुमन रिजर्व बटालियन की भी मंज़ूरी मिली है, जिसमें हजार से ज़्यादा महिलाएं शामिल होंगी। यह दिखाता है कि अब महिलाओं को सिर्फ फ्रंटलाइन पर नहीं, बल्कि कमान संभालने की जगह भी दी जा रही है। यह बदलाव उन युवा लड़कियों के लिए उम्मीद की किरण है, जो कभी सोच भी नहीं पाती थीं कि वे किसी दिन इस स्तर तक पहुंच सकती हैं।

इस तरह की भागीदारी से संगठन को नए दृष्टिकोण, ज़मीनी समझ और मानवीय संवेदनाओं से भी फायदा होता है। जब महिला अधिकारी नेतृत्व में होती हैं, तो सिर्फ नीतियां नहीं बदलतीं, बल्कि काम करने का तरीका और टीम का मनोबल भी बेहतर होता है। हालांकि अब भी बहुत से सशस्त्र बल ऐसे हैं जहां महिला भागीदारी सीमित है, लेकिन CISF का यह कदम बाकी बलों के लिए एक मिसाल है। यह साबित करता है कि जब अवसर बराबर दिए जाएं, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहतीं।

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