बांग्लादेश में हिंसा, 91 मौतें, प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग

आरक्षण को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश में छात्र संगठनों और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों में भिड़ंत हो गई। विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्र संगठनों और सरकार समर्थकों की भिड़ंत हिंसक हो गई और अब तक 91 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 14 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। हिंसा को देखते हुए बांग्लादेश सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से देश में कर्फ्यू लगाने और सोशल मीडिया को बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही इंटरनेट को भी बंद करने का आदेश दिया है.
‘स्टूडेंट अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन प्लेटफार्म’ ने सरकार से इस्तीफे की मांग के साथ पूर्ण असहयोग का आह्वान किया है। गौरतलब है की बांग्लादेश में नए आरक्षण नियमों के खिलाफ छात्र संगठन सड़कों पर हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और आरक्षण से जुड़े प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं.
हसीना बोलीं- छात्र नहीं, ये आतंकवादी हैं
विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा और तोड़फोड़ कर रहे लोग छात्र नहीं बल्कि आतंकवादी हैं और उन्होंने लोगों से हिंसा में शामिल लोगों सख्ती से निपटने को कहा है। इस बीच हिंसा और तोड़फोड़ को देखते हुए देश में कर्फ्यू लगाने और सोशल मीडिया प्लेटफार्म बंद रखने का फैसला किया गया है। विरोध प्रदर्शनों के चलते राजधानी ढाका में ज़्यादातर दुकानें और मॉल बंद रहे। बड़ी तादात में छात्र और अन्य संगठन ढाका के शाहबाग में एकत्र हो गए जिससे ट्रैफिक जाम हो गया.