यातायात उल्लंघन रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करेगी सरकार: नितिन गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में घोषणा की है कि सरकार ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और अन्य नवाचारों का उपयोग करने का प्रस्ताव रख रही है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना और उल्लंघन पर सटीक रूप से जुर्माना लगाना है। सरकार के इस कदम का मकसद देश में सड़कों पर यातायात व्यवस्था को अधिक सुरक्षित और सुचारू बनाना है।
गडकरी ने कहा कि मौजूदा समय में ट्रैफिक उल्लंघन की निगरानी करने और दंड लगाने की प्रक्रिया में कई चुनौतियां हैं। जैसे-जैसे वाहन संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन भी बढ़ रहा है, और मैन्युअल तरीके से इसे पूरी तरह नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार नई तकनीकों को अपनाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन का सटीक रूप से पता लगाने और उनका विश्लेषण करने में सहायक होगा। एआई-सक्षम कैमरों के माध्यम से सड़क पर वाहनों की गति, लेन परिवर्तन, सीट बेल्ट के उपयोग और अन्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जा सकेगा। इस तकनीक के माध्यम से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान तुरंत की जाएगी, और जुर्माना सीधे उनके पास भेजा जाएगा। इससे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई संभव हो सकेगी।
इसके अलावा, गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार ड्रोन, सेंसर और रडार जैसी तकनीकों का भी प्रयोग कर रही है ताकि यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। इन तकनीकों के इस्तेमाल से सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकती है और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।नितिन गडकरी के अनुसार, सरकार का उद्देश्य देश की सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना है। इसके लिए सड़क सुरक्षा के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करवाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष देश में सड़क दुर्घटनाओं में हज़ारों लोगों की जान जाती है, और इस समस्या को हल करने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। एआई और अन्य तकनीकों का इस्तेमाल एक ऐसा ही कदम है जो सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक उल्लंघन को कम करने में सहायक हो सकता है।
इस योजना के लागू होने से ट्रैफिक उल्लंघन पर नियंत्रण पाना आसान होगा और जनता में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। यह कदम सरकार की डिजिटल इंडिया पहल का हिस्सा भी है, जो आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सरकारी प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की कोशिश कर रही है।