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हेज्बोल्लाह ने नईम कासिम को चुना नया नेता: इजराइली हवाई हमले में हसन नसरल्लाह की मृत्यु के बाद हुआ चुनाव

इरान समर्थित लेबनानी उग्रवादी संगठन हिज्बोल्लाह ने अपने पूर्व प्रमुख हसन नसरल्लाह की मृत्यु के बाद नईम कासिम को नया नेता चुना है। हसन नसरल्लाह, जो संगठन के लंबे समय से नेता थे, 27 सितंबर को बेरूत में हुए इजराइली हवाई हमले में मारे गए। इस हमले के बाद संगठन में नेतृत्व का परिवर्तन आवश्यक हो गया था, और नईम कासिम को सर्वसम्मति से उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुना गया।

नईम कासिम, जो हिज्बोल्लाह के उप महासचिव थे, संगठन के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं और संगठन की नीति निर्माण और रणनीतिक निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। कासिम का नाम हिज्बोल्लाह की राजनीति और धार्मिक कट्टरपंथ के एक अहम चेहरे के रूप में पहचाना जाता है। इरान के समर्थन से संचालित यह संगठन लेबनान में एक प्रभावी शक्ति है, जो इजराइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिए जाना जाता है।

कासिम का चुनाव ऐसे समय में हुआ है जब हिज्बोल्लाह और इजराइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हिज्बोल्लाह ने अपने पूर्व नेता नसरल्लाह की मौत का बदला लेने की कसम खाई है और अपने समर्थकों को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है। नईम कासिम ने अपनी नियुक्ति के बाद एक बयान में कहा कि हिज्बोल्लाह न केवल अपने शहीद नेताओं की याद में, बल्कि लेबनान की स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि नईम कासिम के नेतृत्व में हिज्बोल्लाह का रुख और अधिक आक्रामक हो सकता है। कासिम ने अपने कई बयानों में इजराइल के खिलाफ कठोर रवैया अपनाने की वकालत की है। हिज्बोल्लाह की ओर से दिए गए इस बयान से मध्य पूर्व में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति और भी अस्थिर हो सकती है।लेबनान और इजराइल के बीच जारी तनाव में हिज्बोल्लाह की भूमिका को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय ताकतें चिंतित हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों ने इस हमले के बाद लेबनान में स्थिरता के लिए शांति की अपील की है। वहीं, इजराइल ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा और भविष्य में भी हिज्बोल्लाह की गतिविधियों पर नजर रखेगा।

नईम कासिम की नियुक्ति के बाद हिज्बोल्लाह का अगला कदम क्या होगा, इसे लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। लेबनान में हिज्बोल्लाह के समर्थन का एक बड़ा आधार है, और इस नए नेतृत्व से संगठन की गतिविधियों में किस तरह का बदलाव आता है, यह देखने वाली बात होगी। कासिम ने अपने बयान में समर्थकों को आश्वासन दिया है कि संगठन अपने लक्ष्यों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेगा।

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