अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव- कमला करेंगी कमाल या फिर चलेगा ट्रम्प का जादू..?
दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए वोट डाले जा रहे हैं ऐसी में दुनिया के सबसे ताकतवर राष्ट्राध्यक्ष की कुर्सी पर कौन काबिज होगा इस पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं। तमाम चुनाव पुर्व सर्वे बताते हैं कि टक्कर काटें की है। डोनाल्ड ट्रम्प जहाँ फिर एक बार रिपब्लिकन पार्टी से अपनी उम्मीदवारी ठोंक रहे हैं तो वही बाइडेन सरकार में उपराष्ट्रपति रही कमला हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं। अमेरिका अपने 47वें राष्ट्रपति को चुनने के लिए आज मतदान कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव से ठीक पहले रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के साथ ही कनाडा में हिन्दू मंदिरों पर हुए हमले को लेकर चिंता जताई। जिसे अमेरिका में रह रहे हिन्दू वोटरों को लुभाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका में बड़ी संख्या में (लगभग 60 लाख) हिन्दू रहते हैं जिसमें से लगभग 30 लाख रजिस्टर्ड वोटर हैं.
लगभग 17 करोड़ वोटर मिलकर दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के मुखिया का चुनाव करेंगे। हांलाकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जनता सीधे तौर पर राष्ट्रपति का चुनाव नहीं करती। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनने का काम इलेक्टोरल कॉलेज के जरिये होता है। कई बार ज्यादा पॉपुलर वोट्स पा लेने के बावजूद भी उम्मीदवार चुनाव हार जाता है। सन 2000 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में अल गोर को जार्ज बुश के मुकाबले ज्यादा वोट मिले थे पर जार्ज बुश इलेक्टोरल कॉलेज के जरिये चुनाव जितने में कामयाब हुए। ठीक इसी तरह 2016 में हेनरी क्लिंटन ज्यादा पॉपुलर वोट्स होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रम्प से राष्ट्रपति चुनाव हार गई.
क्या है इलेक्टोरल कॉलेज ?
इलेक्टोरल कॉलेज एक बॉडी है जो जनता के द्वारा चुनी जाती है। जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि को इलेक्टर्स कहते हैं और इलेक्टर्स मिलकर इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। अमेरिका में कुल 538 इलेक्टर्स हैं। राष्ट्रपति चुनने के लिए 270 इलेक्टर्स का साथ चाहिए होता है। इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्य भी राज्य की आबादी के अनुसार चुने जाते हैं। अगर किसी राज्य की आबादी अधिक है तो उसके इलेक्टर्स भी ज्यादा होंगे। अमेरिका में 50 राज्य हैं और कैलिफोर्निया सबसे बड़ा राज्य है जहां सबसे अधिक 54 इलेक्टर्स हैं तो वही अलास्का के पास महज 3 इलेक्टर्स। मसलन अक्सर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बड़े राज्यों पर पूरा फोकस करते हैं और उस राज्य की जनता को लुभाते हैं। किसी भी राज्य में जो पार्टी जीतती है सारे इलेक्टर्स उसी के हो जाते हैं.