राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ने रविवार को लंबे समय बाद एक स्वच्छ दिन का अनुभव किया, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। यह सुधार ऐसे समय में हुआ है जब कुछ दिन पहले तक दिल्ली की हवा ‘गंभीर’ और ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में थी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस सुधार का मुख्य कारण हवाओं की दिशा और गति में बदलाव है। तेज़ हवा चलने के कारण प्रदूषण के कण बिखर गए और दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार हुआ। साथ ही, पिछले दिनों में हुई हल्की बारिश ने भी प्रदूषकों को वातावरण से साफ करने में मदद की।सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI रविवार को 340 के करीब रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इससे पहले, यह 450 से अधिक था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी को दर्शाता है।
पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंच गया था। इसके कारण लोगों को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने, निर्माण कार्यों पर रोक लगाने और निजी वाहनों के उपयोग को सीमित करने जैसे आपातकालीन उपाय किए।हालांकि, रविवार को सुधार के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि वायु गुणवत्ता अभी भी सुरक्षित स्तर से काफी नीचे है। वे लोगों को सलाह देते हैं कि सुबह और देर शाम बाहर जाने से बचें, मास्क का उपयोग करें और घर के अंदर वायु शुद्धिकरण उपकरणों का इस्तेमाल करें।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों में हवा की गति कम हो सकती है, जिससे प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ने की संभावना है। विशेषज्ञों ने दीवाली और पराली जलाने के मौसम को ध्यान में रखते हुए सरकार और नागरिकों से सतर्क रहने और प्रदूषण कम करने के लिए जिम्मेदार व्यवहार अपनाने की अपील की है।दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कड़े कदम उठाए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से भी प्रदूषण फैलाने वाले कारकों से बचने की अपील की।