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हंपबैक व्हेल ने तोड़ा लंबी दूरी की यात्रा का रिकॉर्ड, तीन महासागरों को किया पार

महासागरों की सीमाएं पार करने की अद्भुत क्षमता

एक असाधारण अध्ययन में हंपबैक व्हेल (मेगाप्टेरा नोवाएएंग्लिया) की अब तक की सबसे लंबी यात्रा का खुलासा हुआ है। बाजारूटो सेंटर फॉर साइंटिफिक स्टडीज (BCSS) की एकेटरीना कलाशनिकोवा के नेतृत्व में किए गए इस शोध को रॉयल सोसाइटी ओपन साइंस में प्रकाशित किया गया है।

इस अध्ययन में एक वयस्क नर हंपबैक व्हेल की यात्रा का वर्णन किया गया है, जिसने कम से कम 13,046 किलोमीटर की दूरी तय की। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह दूरी 19,000 किलोमीटर तक भी हो सकती है। यह यात्रा तीन अलग-अलग महासागरों में फैली प्रजनन स्थलों को जोड़ती है, जो समुद्री जीव विज्ञान के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है।

अध्ययन के अनुसार, इस हंपबैक व्हेल ने अफ्रीका के पास स्थित ब्रेडिंग ग्राउंड्स से यात्रा शुरू की और दक्षिणी गोलार्ध में स्थित अन्य महासागरों के प्रजनन स्थलों तक अपनी यात्रा जारी रखी। यह व्हेल अपनी अद्वितीय माइग्रेशन के लिए जानी गई है, जिसमें यह महासागरों की सीमाओं को पार करते हुए नई चुनौतियों का सामना करती है।

इस शोध को समुद्री जीवन के अध्ययन में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह न केवल व्हेल की माइग्रेशन क्षमता को उजागर करता है, बल्कि समुद्र में उनके व्यवहार और प्रजनन पैटर्न को समझने में भी मदद करता है।एकेटरीना कलाशनिकोवा ने कहा, “इस अध्ययन से हमें व्हेल की अविश्वसनीय सहनशक्ति और नेविगेशन कौशल को समझने में मदद मिली है। यह दिखाता है कि महासागर पार करने की उनकी क्षमता कितनी अद्वितीय है।”

इस शोध ने समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया है। लंबी दूरी की इस यात्रा के दौरान व्हेल को कई खतरों का सामना करना पड़ता है, जिसमें जलवायु परिवर्तन, मछली पकड़ने की गतिविधियां और महासागरों में बढ़ता प्रदूषण शामिल हैं।वैज्ञानिकों का मानना है कि इस खोज से समुद्री जीवों की माइग्रेशन प्रक्रिया और उनके जीवन चक्र के अध्ययन के लिए नए आयाम खुलेंगे। यह शोध समुद्री जीव विज्ञान और पारिस्थितिकी के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकता है।

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