भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं: विदेश सचिव विक्रम मिस्री
संघर्षविराम का निर्णय भारत-पाकिस्तान के बीच: मिस्री

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को संसद की एक समिति को बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का निर्णय पूरी तरह द्विपक्षीय था, और इसमें अमेरिका या किसी अन्य तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं रही।यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया था कि भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बहाली में अमेरिका ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
विदेश सचिव ने स्पष्ट किया,
“भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का फैसला दोनों देशों द्वारा आपसी बातचीत और सामरिक समझ के आधार पर लिया गया था। इसमें अमेरिका की कोई सीधी या परोक्ष भूमिका नहीं रही।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम दोनों देशों के सीमा पर तनाव को कम करने की दिशा में था और इसका उद्देश्य शांति और स्थिरता बनाए रखना था।विदेश सचिव ने समिति के समक्ष यह भी दोहराया कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी हालिया तनाव रहा है, वह पूरी तरह पारंपरिक सैन्य स्तर पर रहा है।
“पाकिस्तान की ओर से किसी प्रकार का परमाणु संकेत (nuclear signalling) नहीं देखा गया,” मिस्री ने बताया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी स्थिति के लिए तैयार है और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सतर्क है।मिस्री ने समिति को यह भी अवगत कराया कि भारत अपनी विदेश नीति में रणनीतिक स्पष्टता (strategic clarity) की नीति अपनाता है, और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता के लिए हमेशा संकल्पित रहता है।
भारत ने हमेशा यह दोहराया है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय बातचीत के ज़रिये ही होना चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से।संसदीय समिति की बैठक में मौजूद कई विपक्षी सदस्यों ने भी विदेश सचिव की जानकारी पर संतोष जताया और यह कहा कि भारत को अपने हितों की रक्षा के लिए सख्त और स्पष्ट नीति अपनाए रखनी चाहिए।