क्षेत्रीयपर्यटनराष्ट्रीय

गोवा राज्य स्थापना दिवस: एक समृद्ध विरासत और आत्मगौरव का उत्सव

30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया

30 मई को गोवा राज्य स्थापना दिवस के रूप में पूरे उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। यह वही ऐतिहासिक दिन है जब वर्ष 1987 में गोवा भारत का 25वां राज्य बना था। पुर्तगाली शासन से आज़ादी और केंद्रशासित प्रदेश के लंबे सफर के बाद गोवा ने अपनी विशिष्ट पहचान और आत्मनिर्णय की शक्ति को प्राप्त किया।

गोवा का इतिहास बहुत ही समृद्ध और विविधताओं से भरा हुआ है। 1510 में पुर्तगालियों ने गोवा पर कब्जा किया था, और यह लगभग 450 वर्षों तक उनके शासन में रहा। यह भारत का एकमात्र क्षेत्र था जो इतने लंबे समय तक किसी यूरोपीय उपनिवेश का हिस्सा रहा। 19 दिसंबर 1961 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा “ऑपरेशन विजय” के तहत गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया गया। इसके साथ ही गोवा, दमन और दीव को मिलाकर एक केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया।

गोवा के लोगों की संस्कृति, भाषा, और पहचान को अलग मान्यता देने की मांग लंबे समय तक चली। अंततः 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया और दमन एवं दीव को अलग केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया। इसी के साथ गोवा भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य बना।

गोवा न सिर्फ अपने समुद्री तटों और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक संगम भी है। यहां हिंदू, ईसाई और अन्य धर्मों की परंपराएं एक साथ मिलती हैं। गोवा की वास्तुकला, लोक संगीत, नृत्य और खानपान इसकी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हैं। ‘फेस्त’, ‘शिग्मो’, ‘गणेश चतुर्थी’ और ‘क्रिसमस’ जैसे त्योहार यहां बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।गोवा की कोंकणी भाषा को भी इसी दिन संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया, जिससे स्थानीय संस्कृति और भाषाई पहचान को मजबूती मिली।

आज का गोवा एक आधुनिक लेकिन अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ राज्य है। यह न केवल देश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास के क्षेत्र में भी निरंतर आगे बढ़ रहा है। यहां की साक्षरता दर, जीवनशैली और शांतिपूर्ण वातावरण इसे अन्य राज्यों से अलग बनाते हैं।

राज्य स्थापना दिवस पर गोवा में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है – सांस्कृतिक कार्यक्रम, झांकियाँ, परेड और लोकनृत्य प्रदर्शन जैसे आयोजन राज्य की समृद्ध विरासत को उजागर करते हैं।गोवा राज्य स्थापना दिवस सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना की याद नहीं है, बल्कि यह गोवा की संस्कृति, आत्मा और लोगों की अदम्य भावना का उत्सव भी है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे एक छोटा राज्य भी अपनी विशिष्टता और गरिमा के साथ राष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बना सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button