
भारत की अग्रणी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) ने एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि वह 20 सितंबर 2025 से दिल्ली और जोरहाट (असम) के बीच सीधी उड़ान सेवा शुरू करने जा रही है। इस नई पहल से ऊपरी असम के लिए हवाई संपर्क में महत्वपूर्ण सुधार होगा और राज्य में पर्यटन व व्यापार को नई गति मिलेगी।
इंडिगो की यह उड़ान असम के प्रमुख शहरों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।दिल्ली-जोरहाट सीधी उड़ान शुरू होने से यात्रियों को अब अन्य शहरों के रास्ते से यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे यात्रा का समय घटेगा, और पर्यटन, व्यापार, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आने-जाने वाले लोगों को बड़ी सुविधा मिलेगी।
इंडिगो ने बताया कि उड़ानों की बुकिंग जल्द ही वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर शुरू की जाएगी, और यात्रियों को किफायती दरों पर टिकट उपलब्ध कराए जाएंगे।इंडिगो ने केवल जोरहाट ही नहीं, बल्कि असम के लिए कई और नई उड़ान रूट्स शुरू करने की योजना भी साझा की है। कंपनी का उद्देश्य उत्तर-पूर्व भारत को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर हवाई संपर्क देना है।
इंडिगो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“उत्तर-पूर्व क्षेत्र भारत का एक समृद्ध और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिल्ली-जोरहाट उड़ान के साथ हम इस क्षेत्र को और अधिक सुलभ बना रहे हैं, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।”
जोरहाट, असम का एक प्रमुख शहर है जो अपनी संस्कृति, चाय बागानों, शोध संस्थानों और ब्रह्मपुत्र नदी के लिए प्रसिद्ध है। यहां स्थित तेजपुर विश्वविद्यालय, सीएसआईआर-नेशनल बॉटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, और सेंट्रल मखाना रिसर्च स्टेशन जैसे संस्थान इसे शैक्षिक और वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
सीधी उड़ान शुरू होने से इन संस्थानों से जुड़े विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए जोरहाट तक पहुंचना अधिक सरल और तेज़ होगा।
दिल्ली-जोरहाट उड़ान सेवा असम के पर्यटन स्थलों जैसे माजुली द्वीप, काजीरंगा नेशनल पार्क, शिवसागर, और डिब्रूगढ़ तक पहुंच को भी आसान बनाएगी। इससे राज्य में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद है।
इंडिगो की ओर से दिल्ली और जोरहाट के बीच सीधी उड़ान की घोषणा असम के लिए एक बड़ी सौगात है। यह न केवल राज्य की हवाई कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में भी विकास की गति को तेज करेगा।