अंतरराष्ट्रीयव्यक्ति विशेष

Telegram के CEO पावेल ड्यूरोव ने किया बड़ा ऐलान: 106 बच्चों को देंगे 17 अरब डॉलर की संपत्ति

संपत्ति का बंटवारा 2055 के बाद

मैसेजिंग ऐप Telegram के संस्थापक और अरबपति CEO पावेल ड्यूरोव ने एक चौंकाने वाला और दिलचस्प ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वह अपनी पूरी 17 अरब डॉलर (लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति को अपने 106 बच्चों में बराबर हिस्सों में बांटेंगे — लेकिन यह वितरण साल 2055 के बाद ही किया जाएगा।

यह घोषणा उन्होंने हाल ही में फ्रांस की प्रतिष्ठित पत्रिका Le Point को दिए गए एक इंटरव्यू में की। ड्यूरोव ने बताया कि इन 106 बच्चों में से सिर्फ 6 बच्चे प्राकृतिक रूप से उनके तीन अलग-अलग जीवनसाथियों के साथ जन्मे हैं, जबकि 100 से अधिक बच्चे उन्होंने बीते 15 वर्षों में 12 देशों में गुमनाम शुक्राणु दान (sperm donation) के जरिए पैदा कराए हैं।

40 वर्षीय ड्यूरोव ने कहा कि वह अपनी पूरी संपत्ति उन लोगों को देना चाहते हैं जो जैविक रूप से उनके वंशज हैं। उन्होंने कहा:

“मैंने कोई पारंपरिक परिवार नहीं बनाया। मैंने जीवन को एक प्रयोग की तरह लिया है। मेरी संपत्ति उन्हीं को मिलनी चाहिए जो वाकई मेरे खून से जुड़े हैं।”ड्यूरोव ने बताया कि वे 15 सालों से गुमनाम शुक्राणु दान कार्यक्रमों के जरिए दुनिया भर में संतानें पैदा करवा रहे हैं। ये बच्चे अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, भारत सहित 12 देशों में जन्मे हैं।

ड्यूरोव ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके बच्चों को यह धनराशि तुरंत नहीं मिलेगी। वह चाहते हैं कि सभी बच्चे 2055 तक परिपक्व हो जाएं, अपने-अपने जीवन में कुछ हासिल करें और फिर संपत्ति के योग्य बनें। उन्होंने कहा:“धन तभी दिया जाना चाहिए जब उसकी सही समझ और ज़िम्मेदारी हो। मैं नहीं चाहता कि यह संपत्ति उन्हें बिगाड़े, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाए।”

पावेल ड्यूरोव को आमतौर पर “रूसी मार्क ज़ुकरबर्ग” कहा जाता है। उन्होंने Telegram को 2013 में लॉन्च किया था और यह आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक है।
ड्यूरोव अपनी निजी ज़िंदगी को लेकर बहुत गोपनीय रहे हैं, लेकिन यह खुलासा कि वह 106 बच्चों के पिता हैं, दुनियाभर में सुर्खियों में आ गया है।

ड्यूरोव की इस घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग उन्हें “आधुनिक समय का राजा जनक” कह रहे हैं तो कुछ ने नैतिकता और बच्चों के मानसिक विकास को लेकर चिंता जताई है।
कई यूज़र्स ने सवाल उठाया कि क्या बच्चों को सिर्फ जैविक संबंधों के आधार पर ही संपत्ति देना सही है, जबकि पारिवारिक परवरिश और भावनात्मक जुड़ाव का क्या?

पावेल ड्यूरोव की यह घोषणा जितनी असाधारण है, उतनी ही बहसतलब भी। एक ओर जहां यह मामला संपत्ति के उत्तराधिकार और जैविक पितृत्व की अवधारणाओं को चुनौती देता है, वहीं यह तकनीक, जीवनशैली और सामाजिक सोच में आ रहे बदलावों की भी तस्वीर पेश करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button