
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। इसके मद्देनज़र प्रशासन ने चारधाम यात्रा को आगामी 24 घंटों के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हर वर्ष बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा करते हैं। इस समय पहाड़ों में भूस्खलन, तेज बारिश, और सड़कों पर मलबा गिरने की घटनाओं के चलते यात्रियों की सुरक्षा को खतरा बना हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड के कई जिलों — जैसे उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़, टिहरी और पौड़ी— में अगले 24 घंटों के दौरान बहुत भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है।रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती है, जिससे यातायात, बिजली आपूर्ति, और दैनिक जीवन पर असर पड़ सकता है। विभाग ने नदी किनारे या ढलानों के पास नहीं जाने की सलाह दी है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर कई स्थानों पर भूस्खलन और सड़कों पर भारी मलबा जमा हो गया है। विशेषकर ऋषिकेश-केदारनाथ मार्ग और उत्तरकाशी-गंगोत्री मार्ग पर यातायात बाधित है। BRO और लोक निर्माण विभाग की टीमें लगातार सड़कों को साफ करने में जुटी हैं, लेकिन बारिश के कारण काम में रुकावट आ रही है।
उत्तराखंड पुलिस और SDRF (राज्य आपदा मोचन बल) की टीमें भी सतर्क हैं और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका जा रहा है।सरकार ने सभी तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया है कि वे फिलहाल अपने यात्रा कार्यक्रम को स्थगित करें और सुरक्षित स्थानों पर रुकें। जो यात्री पहले ही यात्रा मार्ग पर पहुंच चुके हैं, उन्हें नजदीकी होटल, धर्मशालाओं और विश्राम गृहों में ठहराया गया है।
उत्तराखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, वर्तमान में यात्रा मार्गों पर करीब 15,000 से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी यात्री को खुले में या असुरक्षित स्थानों पर न रहने दिया जाए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कहा,
“तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मौसम सामान्य होते ही यात्रा को पुनः शुरू किया जाएगा। सभी से अनुरोध है कि प्रशासन का सहयोग करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।”
प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि फंसे हुए लोग सहायता मांग सकें। साथ ही, यात्रा मार्गों पर तैनात कर्मियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
चारधाम यात्रा को 24 घंटे के लिए रोका जाना एक साहसी और जिम्मेदार निर्णय है, जो यात्रियों की सुरक्षा के हित में लिया गया है। हालांकि इससे हज़ारों श्रद्धालुओं की आस्था की यात्रा कुछ समय के लिए रुकी है, लेकिन यह कदम उन्हें प्राकृतिक आपदा से बचाने में मददगार साबित होगा।