बिहार में बढ़ेगा लीची खेती का रकबा
बिहार में शाही लीची की मांग अधिक होने के कारण राज्य में इसकी खेती का रकबा बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है। अगले कुछ सालों में राज्य भर में 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि निदेशक आदित्य प्रकाश ने एक समारोह में कहा कि वर्तमान में 36 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती की जा रही है। अब लीची के उत्पादन क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है। इसके वेस्ट का मैनेजमेंट करने की भी योजना लायी जा रही है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी बताते हैं कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भी लीची के पौधे लगाने की योजना बनाई गई है। बताया जाता है कि राज्य में छपरा, सिवान, गया, नवगछिया, पटना व उसके आसपास के जिलों में पौधे लगाने की योजना है।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर ने इसे लेकर पहल भी की है। अनुसंधान केंद्र की ओर से लीची के पौधे भी तैयार किए जा रहे हैं।
उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी और समस्तीपुर में लीची की व्यापक पैदावार होती है। मुजफ्फरपुर में 12 हजार, पूर्वी चंपारण में पांच हजार और समस्तीपुर-सीतामढ़ी में करीब दो हजार हेक्टेयर बाग में लीची होती है।
एक अनुमान के मुताबिक, इन जिलों में लीची के करीब 30 हजार छोटे-बड़े किसान हैं।