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बेरोज़गारी से लड़ते रहे, खेतो में भी किया काम, हर मेकर्स के बने हुए हैं पहली पसंद, एक्टिंग में हैं लाजवाब    

नई दिल्ली  मिर्जापुर के कालीन भइया का रोल निभाकर लोगों के दिलों में अपनी अलग जगह बना चुकें हैं पंकज त्रिपाठी अगर बात करें पंकज त्रिपाठी की एक्टिंग की तो इनका एक्टिंग में कोई जवाब नहीं है । अपने अब तक के करियर में वह ‘गैंग्स ऑफ वसेपुर’, ‘फुकरे’, ‘मसान’, ‘बरेली की बर्फी’, एक्सट्रेक्शन, स्त्री, लुका छिपी, कागज और मिमी जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में नजर आ चुके हैं. लेकिन शुरुआती दौर में एक्टर ने काफी संघर्ष किया है एक्टिंग में उनका इंट्रेस्ट शुरू से ही था, शायद यही वजह है कि छोटे-छोटे किरदार के जरिए आज वह बॉलीवुड में धाक जमाए बैठे हैं।

किसी भी एक्टर के लिए अगर वह फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं है तो एक्टिंग की दुनिया में अपनी जड़े जमाना कोई आसान काम नहीं है. लेकिन पकंज त्रिपाठी ने इस काम को बड़ी आसानी से कर दिखाया. अपनी जिंदगी में उन्होंने एक समय ऐसा भी देखा है जब वो काम की तलाश में अंधेरी की सड़कों में भटका करते थे. सालों तक उनके पास कोई काम नहीं था. उन्होंने खेत में भी काम किया है। लेकिन आज वह साल भर में कई बड़ी फिल्मों का हिस्सा बने नजर आते हैं. करियर की शुरुआत उन्होंने भले ही छोटे किरदार निभाकर की हों लेकिन आज उनका किरदार कहानी की डिमांड पर ही लिखा जाता है. उनका किरदार स्क्रिप्ट के इर्द-गिर्द ही बना जाता है।

पकंज त्रिपाठी जी 5 स्टार होटल में भी कर चुके हैं काम

पकंज त्रिपाठी 12वीं के बाद होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के लिए पटना चले गए थे. लेकिन एक्टिंग के गुर उनमें शुरू से थे. कॉलेज के दिनों में भी वह प्ले का हिस्सा हुआ करते थे और राजनीति में भी अपना दमखम दिखा चुके हैं. एक रैली के चलते उन्हें एक हफ्ते तक जेल भी जाना पड़ा था. एक्टिंग में करियर बना पाऊं या नहीं इस डर के चलते पकंज ने पटना के ही एक पांच सितारा होटल में काम करना शुरू कर दिया. सात साल तक काम करने के बाद वह दिल्ली की नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ग्रेजुएट होकर मुंबई चले गए।

विज्ञापन में भी किया हुआ है काम

साल 2004 में पकंज ने एक टाटा टी के एड में नेता बनने की भूमिका अदा की थी. इसी साल एक्टर को अभिषेक बच्चन और भूमिका चावला स्टार फिल्म रन में भी काम करने का चांस मिला था. हालांकि इस फिल्म में किसी ने भी पकंज के किरदार को नोटिस नहीं किया था. करियर के शुरुआत में पकंज के लिए खुद को साबित करना कोई आसान काम नहीं रहा था. उन्होंने खेत में भी काम किया है. लेकिन इंडस्ट्री में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के लिए पकंज को काफी मेहनत करनी पड़ी।

जीवन साथी ने दिया पूरा साथ  

पंकज त्रिपाठी ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि करियर के शुरुआत में काम मिलने में उन्हें काफी दिक्कत हुई थी।  साल 2004 और 2010 के बीच तो उन्होंने कुछ भी नहीं कमाया था. उन्होंने बताया था कि उस समय उनकी पत्नी मृदुला ही घर के खर्चों का बोझ उठाती थी. वह अंधेरी घूमते लोगों से विनती किया करते थे कि उन्हें कोई काम दे दें. उस संघर्ष के समय में उनकी पत्नी मृदुला ने घर के किराए से लेकर अन्य बेसिक जरूरतों का सारा बोझ उठा रखा था।

बता दें कि 6 सालों तक काम ना मिलने के बाद पंकज त्रिपाठी को अनुराग कश्यप की मल्टीस्टार फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से बड़ा ब्रेक मिला. मनोज बाजपेयी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पियुष शर्मा, ऋचा चड्ढा और हुमा कुरैशी स्टार इस फिल्म में पंकज ने सुल्तान कुरैशी का किरदार निभाया था. दर्शकों ने उनके इस किरदार की काफी तारीफें की थी. बाद पंकज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज वह सफलता के इस मुकाम पर पहुँच गये हैं उनके चाहने वाले उनकी हर पिक्चर या वेब सिरिस का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं।

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