मुंबई में कई मार्गों पर 86 साल तक राज करने के बाद प्रतिष्ठित गैर-वातानुकूलित डबल-डेकर बेस्ट बसें आधिकारिक तौर पर शुक्रवार रात सेवा से ‘रिटायर’ हो जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण मुंबई में कुछ मार्गों पर चलने वाली पांच ऐसी बसें भी शनिवार से सड़कों पर नहीं दिखेंगी। इसके बाद कुछ ओपन-डेक डबल-डेकर पर्यटक बसों को भी 5 अक्टूबर को बंद कर दिया जायेगा।
हालाँकि, बेस्ट ने 2022 में 16 वातानुकूलित, इलेक्ट्रिक डबल-डेकर बसें उतारी थीं जिनका अनावरण केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। अगले चरण में 18 और एसी डबल-डेकर बसें शामिल होंगी।
इन 18 में से 10 बसों को दक्षिण मुंबई में तैनात किया जाएगा और बाकी उपनगरों में सेवा देंगी।
वर्तमान में बेस्ट के बेड़े में तीन हजार से अधिक सिंगल-डेकर बसें हैं जिनमें रोजाना औसतन 30 लाख से अधिक लोग यात्रा करते हैं। इन्हें “मुंबई की विश्वसनीय, हर मौसम में चलने वाली जीवन-रेखा” माना जाता है।
जुलाई 1926 में शहर में बेस्ट बस सेवा शुरू होने के 11 साल बाद 1937 में यहां पहली बार नॉन-एसी डबल-डेकर बसों की शुरुआत की गई थी।
दूर से ही दिख जाने वाली इन बसों में लंबी दूरी के यात्री ऊपर की मंजिल पर यात्रा करना पसंद करते थे जबकि कम दूरी की यात्रा करने वाले नीचे के डेक पर ही बैठना पसंद करते थे।
किशोर और बच्चे ऊपरी डेक की ओर भागते थे, और आगे की पंक्ति की दो सीटों के लिए वस्तुतः हाथापाई हो जाती थी क्योंकि वहां से मुंबई के दर्शनीय स्थलों को ऊंचाई से बिना बाधा देखा जा सकता था। साथ ही ऊपरी डेक पर हर मौसम में अच्छी हवा मिलती थी, हालांकि मानसून के समय खिड़की बंद करनी पड़ती थी।
किसी समय शहर भर में 240 से अधिक डबल-डेकर बसें चलती थीं। धीरे-धीरे 2010 में उनकी संख्या घटकर 122 और 2019 तक केवल 48 रह गईं। आखिरी पांच बसें भी अब इतिहास बनने जा रही हैं।