नई संसद में मंगलवार को राज्यसभा का पहला कार्य दिवस रहा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में आए और उन्होंने महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम), जी-20, देश की नई संसद और पुरानी संसद जैसे महत्वपूर्ण विषयों का जिक्र किया।
नई संसद में राज्यसभा की पहली बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज यहां राज्यसभा के सभी सांसद साथियों से आग्रह करने आया हूं कि जब भी महिला आरक्षण बिल आए तो आप सब सर्वसम्मति से उस पर निर्णय करें।
राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है। यह विधेयक नारी सशक्तिकरण से जुड़ा है।
महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों के लिए सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले गए हैं। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का अभियान सरकार का कार्य़क्रम नहीं है, बल्कि इसे समाज ने अपनाया है।
उन्होंने मुद्रा व जन धन योजना की भी बात की और कहा कि मुद्रा योजना से लेकर जन धन योजना तक में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सभी सांसदों की मदद से तीन तलाक के खिलाफ कदम उठाया गया।
पीएम मोदी ने कहा कि राज्यसभा राज्य का प्रतिनिधित्व भी करता है। कोरोना काल के दौरान राज्य और केंद्र ने मिलकर संघवाद को परिभाषित किया। हमने संकट के समय ही नहीं बल्कि उत्सव के दौरान भी भारत की ताकत को पेश किया और दुनिया को प्रभावित किया है।
उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन दिल्ली में हुआ, लेकिन इससे पहले इसको लेकर कई बैठकें देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई। प्रधानमंत्री ने राज्यों को इसका श्रेय देते हुए कहा कि यह राज्यों के सहयोग के कारण हुआ।
पीएम ने कहा कि नई संसद में संघवाद का नजारा दिख रहा है। इसमें राज्यों ने हमारा साथ दिया। दिवारों पर जो कला दिख रही है, उसको विभिन्न राज्यों ने भेजा। पुरानी संसद में हमने आजादी का अमृत महोत्सव बड़ी शान से मनाया।
हालांकि, प्रधानमंत्री के बाद जब नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने के लिए खड़े हुए तो इस दौरान सदन में हंगामा हुआ।