लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी में हलचलें और कयासबाजी तेज है। आरोप प्रत्यरोप का दौर चालू है और साफ-साफ़ बीजेपी दो समूहों में बटीं दिख रही है। बुधवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रिय अध्यक्ष नड्डा से मिले। प्रधानमंत्री के साथ भूपेंद्र चौधरी की मीटिंग लगभग एक घंटे तक चली और मीटिंग में मौजूदा राजनीती और भविष्य की संभावनाओं और रणनीति पर चर्चा हुई.
लोकसभा चुनावों में बीजेपी को सबसे टकड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगा जहाँ पार्टी को पिछले चुनाव के मुकाबले 30 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा। और अब ऐसे में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि उपचुनावों के बाद उत्तर प्रदेश में संगठन के साथ ही सरकार में भी बदलाव हो सकते हैं। बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की प्रधानमंत्री मोदी और अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद इन ख़बरों ने जोर पकड़ लिया है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सोमवार को राष्ट्रिय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा से मिले और दोहराया की संगठन सरकार से बड़ा होता है, इससे पहले मौर्य ने रविवार को पार्टी की कार्यसमिति की बैठक के दौरान भी यही बात कही थी। केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखे पोस्ट ‘ संगठन सरकार से बड़ा है, और कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। संगठन से बड़ा कोई नहीं और कायर्कर्ता ही गौरव है।’ से तमाम कयासबाजी को बल मिला है.
माना जा रहा है कि राष्ट्रिय अध्यक्ष और फिर भूपेंद्र चौधरी की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात में प्रदेश सरकार और संगठन के काम-काज के तौर तरीकों पर बात हुई और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान से भी साफ़ है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी में संगठन और सरकार में ‘ऑल इज़ वैल’ वाली स्तिथि नहीं है। उत्तर प्रदेश में सरकार में सहयोगी और मंत्रिमंडल के सदस्य संजय निषाद ने भी सरकार के काम-काज पर सवाल उठाये और विशेषरूप से बुल्डोजर एक्शन को चुनाव परिणामों के लिए जिम्मेदार बताया.
बीजेपी में मची इस हलचल पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा ‘ बीजेपी की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी से यूपी में शासन-प्रशासन ठन्डे बस्ते में चला गया।‘ बीजेपी में मची इस हलचल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है। उत्तर प्रदेश बीजेपी में मची हलचल किस करवट बैठेगी इसका दारोमदार काफी हद तक आने वाले उपचुनावों पर भी निर्भर करता है। बहरहाल पार्टी के भीतर उठ रहे इस संगठन और सरकार की रस्साकशी के बीच लोग तो सवाल पूछ ही रहे हैं कि – यूपी बीजेपी में का बा..??