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क्यों है भारत के लिए पेरिस ओलंपिक स्पेशल?

पेरिस ओलंपिक गेम्स के लिए फैंस का उत्साह चरम पर है। दुनियाभर से खेल प्रशंसकों की नजरें इस वक्त खेल के इस ‘महाकुंभ’ पर टिकी हुई हैं। ये ओलंपिक भारत के लिए बेहद खास हैं । पेरिस ओलंपिक में भारत को अपने स्टार खिलाड़ियों से बड़ी उम्मीदें हैं। ओलंपिक इतिहास में भारत के खाते में कभी दो स्वर्ण नहीं आए लेकिन इस बार कुछ ऐसे खिलाड़ी भारतीय दल में शामिल है, जो इस सपने को सच कर सकते हैं।

इन खिलाड़ियों में अनुभव और युवा दोनों का मिश्रण है, जो बड़े-बड़े दिग्गजों को पछाड़ने का माद्दा रखते हैं। साथ ही ओलंपिक 2036 की मेजबानी हासिल करने को लेकर भारत के लिए पेरिस ओलंपिक एक शानदार मंच तैयार कर सकता है।

भारत के 117 सदस्यीय दल में 47 खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्हें एक या उससे अधिक ओलंपिक खेलने का अनुभव है। इनमें पुरुष हॉकी टीम समेत पांच पदक विजेता भी शामिल हैं जबकि 70 खिलाड़ी पहली बार ओलंपिक में शिरकत करने जा रहे हैं। बेशक यह खिलाड़ी मेडल जीतने में सफल हो या न हो लेकिन अपने दमदार प्रदर्शन से वो विश्व में अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं।

भारत का पहला लक्ष्य ओलंपिक के मंच पर पेरिस में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर है। टोक्यो ओलंपिक में भारत ने सात मेडल के साथ अपनी छाप छोड़ी थी लेकिन अब इन आंकड़ों को दहाई अंक में तब्दील करना भारतीय खिलाड़ियों का सर्वप्रथम लक्ष्य है।

नीरज चोपड़ा (जैवलिन थ्रो), पीवी सिंधु (बैडमिंटन), सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी (बैडमिंटन) की जोड़ी, निखत जरीन (बॉक्सिंग), अंतिम पंघाल (रेसलिंग) और शूटिंग में युवा सिफ्ट कौर समरा ऐसे नाम है जो भारत के इस सपने को साकार करने का दमखम रखते हैं।

पेरिस में पदक संख्या में सुधार होने पर एक खेल राष्ट्र के रूप में भारत का प्रोफाइल बेहतर होगा और भविष्य में ओलंपिक की मेजबानी को लेकर भारत की आकांक्षाओं के लिए मदद मिलेगी।

भारत से 117 एथलीट देश के पदकों की संख्या बढ़ाने की जी-जान से तैयारी कर रहे हैं। पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में भारत ने सात पदक हासिल किए, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इस बार यह देखते हुए कि देश की निगाहें 2036 के ओलंपिक का आयोजन हासिल करने पर हैं, इसलिए खेलों के प्रोत्साहन पर धन झोंक रही सरकार दो अंकों में मेडलों की आस लगाए हुए है।

भारत ओलंपिक 2036 की मेजबानी के लिए बोली लगाने को तैयार है। भारत सरकार खेलों की मेजबानी के लिए आईओए यानी भारतीय ओलंपिक संघ की बोली का समर्थन करेगी। चाहे इस मिशन को लेकर कॉर्डिनेशन की बात हो, इन्फ्रास्ट्रक्चर से संबंधित ढांचा हो या कोई भी महत्वपूर्ण पहलू, हर चीज पर बारीकी से नजर रखी जाएगी।

भारत की उम्मीदें अपने खिलाड़ियों से मेडल के साथ-साथ मिशन 2036 की दावेदारी मजबूत करने पर भी है। भारतीय दल के पेरिस रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से व्यक्तिगत और ऑनलाइन बातचीत की।

इस दौरान उन्होंने ओलंपिक 2036 की मेजबानी को लेकर खिलाड़ियों को आश्वस्त किया। साथ ही पीएम ने खिलाड़ियों से इस दावे को मजबूत करने के लिए पेरिस में व्यवस्थाओं का अनुभव साझा करने का आग्रह भी किया। यह सभी बातें इस बात की गवाह है कि पेरिस ओलंपिक 2024 भारत के लिए कितने महत्वपूर्ण है।

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