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भारत अब चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना, जापान को पछाड़ा: नीति आयोग के सीईओ

विश्व मंच पर भारत की आर्थिक मजबूती

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने रविवार को घोषणा की कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया है।उन्होंने कहा, “जैसा कि मैं बोल रहा हूं, भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हम एक 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुके हैं।”

नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि मौजूदा वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक माहौल भारत के लिए अनुकूल है। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत की ओर देख रही है। हमारे पास युवा आबादी है, ऊर्जा है, और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में एक अहम कड़ी बनने का अवसर है।”उन्होंने कहा कि भारत न केवल तेज़ी से विकास कर रहा है बल्कि दुनिया के लिए एक विश्वसनीय भागीदार बनकर उभरा है। “भारत की छवि अब एक स्थिर, मजबूत और भरोसेमंद अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो रही है,” सुब्रह्मण्यम ने जोड़ा।

सुब्रह्मण्यम ने भारत की इस आर्थिक छलांग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को भी श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में किए गए सुधार, बुनियादी ढांचे में बड़े निवेश, और डिजिटल इंडिया जैसी पहलों ने भारत की आर्थिक प्रगति को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है।हालांकि सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि इस मुकाम को बनाए रखना और आगे बढ़ाना आसान नहीं होगा। “हमारे सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं—जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसर। लेकिन इन चुनौतियों का समाधान करने की क्षमता भी हमारे पास है,” उन्होंने कहा।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने भी नीति आयोग के दावे की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत की जीडीपी लगातार बढ़ रही है और ताज़ा आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है।

जापान लंबे समय से दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल रहा है। भारत के लिए उसे पीछे छोड़ना न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विश्व मंच पर भारत की नई पहचान का भी प्रतीक है।आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में निर्यात में बढ़ोतरी, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और बुनियादी ढांचे के विकास ने अहम भूमिका निभाई है।

सुब्रह्मण्यम ने अपने वक्तव्य के अंत में कहा, “भारत का समय आ गया है। हम न केवल अपने देशवासियों के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए विकास का नया मानक स्थापित कर सकते हैं।”भारत की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर देशभर में खुशी का माहौल है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस रफ्तार से आगे बढ़ते हुए भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है।

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