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कोलकाता के अस्पताल में तोड़फोड़, रेजिडेंट डॉक्टरों ने फिर किया हड़ताल का ऐलान

कोलकाता के आरजीकर अस्पताल में 31 साल की महिला डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म का मामला अभी शांत नहीं हुआ है और इस बीच बुधवार की रात उपद्रवियों की भीड़ द्वारा हॉस्पिटल में तोड़फोड़ की खबर सामने आ रही है। बुधवार रात करीब 40 उपद्रवियों  पुलिस बैरिकैडिंग को तोड़कर अस्पताल में दाखिल हुए और तोड़फोड़ की। उपद्रवी अपने साथ डंडे और रॉड लेकर आये थे और उन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ के साथ-साथ अस्पताल में लगे सीसीटीवी कमरों को तोड़ दिया। घटना में एक पुलिस वहां के पलटने और कुछ दोपहिया वाहनों के भी क्षतिग्रस्त होने की खबर है.

दरसल 9 अगस्त की रात आरजीकर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ। डॉक्टर के शरीर के कई अंगों से खून निकल रहा था और गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई थी। महिला के साथ बलात्कार और बलात्कार के बाद उसकी हत्या की बात सामने आयी है। घटना की बिभित्सा और पुलिस प्रशासन के सुस्त रवैये से डॉक्टर ही नहीं बल्कि पुरे देश में आक्रोश का माहौल है। पुलिस ने संजय नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया पर डॉक्टर्स की मांग है कि जिस जगह महिला डॉक्टर का शव मिला उसके आस-पास लगे सीसीटीवी की फुटेज भी सार्वजनिक की जाये। अपनी साथी डॉक्टर को न्याय दिलाने और डॉक्टर्स को प्रयाप्त सुरक्षा की मांग को लेकर देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। पर केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा के आश्वासन के बाद डॉक्टर्स अपनी हड़ताल खत्म कर वापस काम पर लौट गए थे.

बुधवार रात की इस घटना से डॉक्टर्स काफी आक्रोशित हैं और FORDA (फेडरेशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन) ने वापस हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। इस बीच कोलकाता हाई कोर्ट ने पुलिस की जाँच से असंतोष जताते हुए घटना की जांच CBI को सौंपने का निर्देश दिया है। दरसल पुलिस ने शुरुवात में इस हत्या और आत्महत्या बताने की कोशिश की थी जिस पर कोलकाता हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। ऐसे में उपद्रवियों द्वारा अस्पताल में की गई इस तोड़फोड़ को सबूत मिटने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। घटना इतनी क्रूर और अमानवीय है की इसे 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया केस के समान बताया जा रहा है। साथ ही घटना में एक से अधिक आरोपियों के शामिल होने का भी अंदेशा है। 2012 से 2024 तक न जाने कितनी ही ऐसी शर्मनाक घटनायें देशभर में घटित हो गयी पर एक देश और एक समाज के रूप में कुछ नहीं बदला। अस्पताल जैसी जगह में भी महिला सुरक्षित नहीं हैं। और आज जब देश अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा है ऐसे में कोलकाता में इस महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी पुरे देश से सवाल पूछती है कि  क्या हम सच में आजाद है…?

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