अर्थव्यवस्था

वर्तमान में 18% जीएसटी पर बिकने वाले उत्पादों पर अब लगेगा 28% जीएसटी

सरकार जल्द ही लग्जरी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की योजना बना रही है। नए बदलावों के तहत 15,000 रुपये से ऊपर के कपड़े और जूते, साथ ही 25,000 रुपये से ऊपर की कलाई घड़ियों पर अब 28% वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगेगा। वर्तमान में इन उत्पादों पर 18% GST लगाया जाता है, लेकिन सरकार की इस नई नीति के तहत इनकी कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है।

वित्त मंत्रालय ने हाल ही में सुझाव दिया है कि उच्च मूल्य के कपड़े, जूते, और कलाई घड़ियाँ जैसे उत्पादों को 28% GST स्लैब में शामिल किया जाए। यह निर्णय ऐसे समय में लिया जा रहा है जब सरकार को राजस्व बढ़ाने और जीएसटी कलेक्शन में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है। उच्च मूल्य वाले सामान, जिन्हें अब तक 18% GST स्लैब में रखा गया था, अब 28% के उच्च स्लैब में जाने वाले हैं, जिससे ये वस्तुएं महंगी हो जाएंगी।इस नई नीति के तहत प्रमुख रूप से 15,000 रुपये से ऊपर के परिधान (कपड़े), जूते, और 25,000 रुपये से अधिक कीमत वाली कलाई घड़ियाँ शामिल होंगी। ये वस्त्र और एसेसरीज़ अब तक 18% जीएसटी के तहत आती थीं, लेकिन नए स्लैब के तहत इनकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी होगी।

विशेषकर लग्जरी ब्रांड्स के उत्पाद जैसे डिजाइनर जूते और घड़ियाँ जो ऊँची कीमतों पर बिकते हैं, इनसे सबसे अधिक प्रभावित होंगे। उपभोक्ता अब इन पर पहले से ज्यादा टैक्स चुकाने को मजबूर होंगे, जिससे उनकी जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार ने यह कदम राजस्व बढ़ाने और लग्जरी वस्तुओं पर टैक्स कलेक्शन को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया है। आम तौर पर उच्च आय वर्ग के लोग इन वस्त्रों और एसेसरीज़ को खरीदते हैं, और सरकार का मानना है कि इस वर्ग पर टैक्स की दरें बढ़ाने से राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा, 28% जीएसटी स्लैब में वस्त्रों और एसेसरीज़ को शामिल करने से गैर-जरूरी और महंगे उत्पादों पर कराधान की नीतियों को और सख्त किया जा सकेगा।

इस टैक्स बढ़ोतरी का सीधा असर उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता पर पड़ेगा। जो उपभोक्ता अब तक 18% GST के तहत कपड़े, जूते और घड़ियाँ खरीदते थे, उन्हें अब इन उत्पादों पर अधिक कीमत चुकानी होगी। इससे खासकर उन ग्राहकों के लिए इन उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी जो डिजाइनर ब्रांड्स या उच्च गुणवत्ता वाले वस्त्र और एसेसरीज़ खरीदते हैं।उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले का प्रभाव लग्जरी वस्त्र और एसेसरीज़ उद्योग पर भी पड़ेगा। कई कंपनियाँ, जो ऊँची कीमतों पर अपने उत्पाद बेचती हैं, उन्हें ग्राहकों की ओर से कम माँग का सामना करना पड़ सकता है। इससे बिक्री पर भी असर पड़ सकता है, खासकर उन ब्रांड्स पर जो विशेष रूप से उच्च आय वर्ग को लक्षित करते हैं।

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