उत्तर प्रदेश के संभल में शाही ईदगाह मस्जिद सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि जब तक जामा मस्जिद की शाही ईदगाह कमेटी हाई कोर्ट का रुख नहीं करती, तब तक मामले में कोई आगे की कार्रवाई न की जाए। यह आदेश ऐसे समय में आया है जब हाल ही में मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सर्वे रिपोर्ट को भी सुरक्षित रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाए और फिलहाल इसे नहीं खोला जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह कमेटी को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करे। जब तक हाई कोर्ट इस पर कोई निर्णय नहीं लेता, ट्रायल कोर्ट इस मामले में आगे की कोई सुनवाई नहीं करेगा।यह मामला तब और संवेदनशील हो गया जब संभल में कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया और इसके बाद हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। इसके चलते कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठे।
संभल की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब स्थानीय अदालत ने मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया। कुछ पक्षों का दावा है कि मस्जिद की भूमि पर ऐतिहासिक अधिकार का मुद्दा है। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन ने सर्वे करवाया, लेकिन इस प्रक्रिया ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संतुलित दृष्टिकोण अपनाते हुए सभी पक्षों को शांतिपूर्वक काम करने की सलाह दी। कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है और इसे लेकर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करना आवश्यक है।