मुंबई की 62 वर्षीय निश्चा पाटिल ने 72 करोड़ रुपये की संपत्ति संजय दत्त को दान कर दी
मुंबई की गृहिणी ने संजय दत्त के प्रति जताई अटूट भक्ति

2018 में, मुंबई की 62 वर्षीय गृहिणी और संजय दत्त की अटूट चाहने वाली, निश्चा पाटिल ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति, जिसकी कुल कीमत 72 करोड़ रुपये बताई जा रही थी, अभिनेता संजय दत्त को दान कर देने का ऐलान किया था। यह भव्य उपहार तब सामने आया जब निश्चा पाटिल गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं और उनके परिवार ने उनके अंतिम निर्णय पर विचार-विमर्श किया था।
निश्चा पाटिल, जिन्होंने अपनी बीमारी के दौरान संजय दत्त के प्रति अपने अटूट प्रेम और आस्था को व्यक्त करने का निर्णय लिया, ने अपने बैंक को यह निर्देश दिया कि उनके निधन के पश्चात सम्पूर्ण संपत्ति संजय दत्त के नाम ट्रांसफर कर दी जाए। उनका मानना था कि संजय दत्त के प्रति यह भावनात्मक उपहार समाज में सच्चे प्रेम और भक्ति का संदेश देगा।
पुलिस द्वारा इस खबर की सूचना संजय दत्त तक पहुँचते ही, उन्हें अत्यधिक भावुकता का अनुभव हुआ। हालांकि, संजय दत्त ने स्पष्ट कर दिया कि वह इस विशाल संपत्ति को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि भौतिक उपहारों को स्वीकार करने के बजाय, उन्हें लगता है कि इस संपत्ति का उपयोग समाज के हित में किया जाना चाहिए। संजय दत्त ने अपने निर्णय में नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारियों को प्राथमिकता दी और कहा कि उन्होंने इस उपहार को स्वीकार नहीं करने का निर्णय स्वयं ही लिया है।
इस घटना ने निश्चा पाटिल के साहसिक निर्णय और संजय दत्त के नैतिक मूल्य दोनों पर ही चर्चा छेड़ दी है। कई समर्थकों ने निश्चा पाटिल के इस कदम की सराहना की, जो उनके अटूट प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। वहीं, संजय दत्त के निर्णय को एक समझदार और विचारशील कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे यह संदेश मिलता है कि समाज में भौतिकता से ऊपर जाकर भावनात्मक और नैतिक मूल्यों को महत्व दिया जाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएँ दर्शाती हैं कि जब लोग अपनी भावनाओं के प्रति ईमानदार होते हैं, तो वे कभी-कभी ऐसे निर्णय भी ले लेते हैं, जो सामाजिक स्तर पर प्रेरणा का स्रोत बन जाते हैं। निश्चा पाटिल का यह निर्णय और संजय दत्त का उपहार स्वीकार न करने का फैसला दोनों ही अपने-अपने दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं और समाज में एक सकारात्मक संदेश देने का कार्य करते हैं।
निश्चा पाटिल द्वारा संजय दत्त को दी गई 72 करोड़ रुपये की संपत्ति का उपहार एक अनूठी भावनात्मक पहल है, जिसने दर्शाया कि सच्चा प्रेम केवल भौतिक चीजों में नहीं, बल्कि भावना और आस्था में निहित होता है। संजय दत्त का यह निर्णय कि वे इस विशाल उपहार को स्वीकार नहीं करेंगे, उन्हें एक नैतिक नेता के रूप में प्रस्तुत करता है, जो समाज के हित में अपने निर्णय लेते हैं।