अडानी एंटरप्राइजेज ने अडानी विलमार में अपनी 44 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का किया ऐलान
दो चरणों में होगी बिक्री, 18,824 करोड़ रुपये मिलने की संभावना

अडानी एंटरप्राइजेज ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह घोषणा की कि वह अपनी 44 प्रतिशत हिस्सेदारी अडानी विलमार (AWL) में बेचने जा रही है। यह बिक्री दो चरणों में पूरी होगी और इसके संपन्न होने पर अडानी समूह को अनुमानित रूप से 2.2 बिलियन डॉलर (करीब 18,824 करोड़ रुपये) प्राप्त होंगे।
इस बिक्री के साथ ही अडानी एंटरप्राइजेज, जो पहले अडानी विलमार का एक प्रमुख भागीदार था, इस क्षेत्र से बाहर निकलने जा रहा है। अडानी विलमार, जो प्रमुख खाद्य उत्पाद निर्माता कंपनी है, अडानी समूह की एक महत्वपूर्ण सहायक कंपनी थी।प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि इस हिस्सेदारी की बिक्री अडानी एंटरप्राइजेज के लिए एक रणनीतिक कदम है, जो भविष्य के कारोबार के लिए नए अवसरों का रास्ता खोलने के साथ-साथ अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करना चाहता है। अडानी समूह ने यह भी कहा कि यह निर्णय कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और निवेश के पुनर्संयोजन की दिशा में लिया गया है।
अडानी विलमार का व्यापार खाद्य और कृषि उत्पादों, विशेषकर रिफाइंड तेल, आटा, चावल और अन्य उत्पादों में प्रमुख है। कंपनी के पास मजबूत वितरण नेटवर्क और बडे़ बाजार हिस्सेदारी का लाभ है। अडानी एंटरप्राइजेज का यह कदम निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे अडानी समूह की वित्तीय स्थिति और शेयर बाजार में स्थिति पर असर पड़ सकता है।
अडानी एंटरप्राइजेज की हिस्सेदारी बिक्री पर निवेशकों और बाजार के विशेषज्ञों की निगाहें बनी हुई हैं। इसके अलावा, यह बिक्री अडानी समूह की योजनाओं और आगामी निवेशों के बारे में कई सवाल भी उठा रही है।इस कदम का उद्देश्य अडानी समूह को नए निवेश क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए और अधिक फंड जुटाने का मौका देना है। वित्तीय जानकारों का कहना है कि इस बिक्री से अडानी एंटरप्राइजेज को अपनी कंपनी के विकास के लिए नई दिशा मिलेगी।
अडानी समूह के हिस्से की बिक्री की घोषणा से कंपनी के शेयर बाजार प्रदर्शन पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जो अब देखना होगा कि यह कदम भविष्य में समूह के लिए क्या परिणाम लाता है।