
बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाने लगी है और इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, तेजस्वी को अब पूरी ताक़त और ज़िम्मेदारी के साथ नेतृत्व सौंपना ज़रूरी हो गया है। लालू यादव ने कहा कि तेजस्वी अब सिर्फ एक चेहरा नहीं, बल्कि पार्टी की चुनावी रणनीति का नेतृत्व करने वाले नेता होंगे। उन्होंने ये भी जोड़ा कि अब समय आ गया है कि तेजस्वी को ‘पूरे दमखम’ के साथ आगे लाया जाए और उन्हें खुलकर फैसले लेने दिए जाएं। यह बात उन्होंने हाल ही में हुई पार्टी की एक अहम बैठक में कही।
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब विपक्षी महागठबंधन में भी तेजस्वी को लेकर एक राय बनती दिख रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पहले ही तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की वकालत कर चुके हैं। ऐसे में यह बयान सिर्फ आरजेडी के भीतर का फैसला नहीं, बल्कि पूरे गठबंधन के लिए एक संकेत माना जा रहा है। तेजस्वी यादव पिछले कुछ वर्षों में एक परिपक्व नेता के तौर पर उभरे हैं। चाहे बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका हो या युवाओं से जुड़े मुद्दों पर उनकी स्पष्ट बात, उन्होंने खुद को जनता के बीच मजबूती से पेश किया है। खासकर रोजगार, शिक्षा और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर उनकी पकड़ ने युवा वोटरों को आकर्षित किया है।
लालू यादव का यह फैसला तेजस्वी के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी डालता है, लेकिन साथ ही उन्हें पूरी आज़ादी और समर्थन देने का वादा भी करता है। आने वाले चुनाव में आरजेडी की रणनीति, प्रत्याशियों का चयन, रैलियों का संचालन – ये सब अब तेजस्वी की अगुवाई में होगा।