एयर इंडिया हादसे में अकेले बचे यात्री ने भाई को दी अंतिम विदाई
भाई के अंतिम संस्कार में कांपती आंखों से दी विदाई

12 जून को अहमदाबाद में हुए भयावह एयर इंडिया विमान हादसे की त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई, लेकिन एक चमत्कार के रूप में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश ने मौत को मात दी। अब वह अपने भाई अजय की अंतिम यात्रा में शामिल हुए, जो उसी दुर्घटना में जान गंवा बैठे।
घटना का मार्मिक दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रमेश को अपने भाई के पार्थिव शरीर को कांधा देते हुए देखा जा सकता है। यह क्षण हर किसी की आंखें नम कर गया।
12 जून की सुबह एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए रवाना हो रही थी। लेकिन उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड बाद ही विमान बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन से टकरा गया और भयंकर विस्फोट के साथ ध्वस्त हो गया।
इस हादसे में अजय समेत 241 लोगों की मौत हो गई। रमेश, जो सीट नंबर 11A पर आपातकालीन निकास के पास बैठे थे, किसी तरह गंभीर जलन के साथ जीवित बाहर निकले। उन्हें अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया था।आज अजय का अंतिम संस्कार किया गया, जिसमें रमेश व्हीलचेयर पर बैठकर शामिल हुए। वीडियो में देखा जा सकता है कि रमेश ने खुद अपने भाई के शव को कांधा दिया, और पूरे संस्कार के दौरान भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते रहे।
इस मार्मिक दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं। रमेश ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“मैंने अपने सामने भाई को खोया। मेरी जिंदगी अब कभी पहले जैसी नहीं होगी।”
रमेश 40 वर्षीय ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं और लंदन में रहते हैं। वह अपने भाई अजय के साथ एक पारिवारिक समारोह के बाद भारत से लंदन लौट रहे थे। हादसे में अजय की मौत और रमेश की चमत्कारी बचाव की खबर ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का भी ध्यान खींचा है।
एयर इंडिया हादसे को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में विमान के तकनीकी खराबी और अनियंत्रित इंजन गति की आशंका जताई गई है। कई यात्रियों के परिवारों ने एयरलाइन की लापरवाही और सुरक्षा में चूक को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
हालांकि रमेश की जान बच गई, लेकिन उनके जीवन में इस हादसे का गहरा असर पड़ा है। उन्होंने अपने भाई को खोया, कई सहयात्रियों को अपनी आंखों के सामने जलते देखा। अस्पताल में अब भी उनका इलाज चल रहा है, लेकिन मानसिक और भावनात्मक घाव शायद ही कभी भर पाएंगे।
एयर इंडिया AI-171 की यह दुर्घटना एक राष्ट्रीय शोक बन चुकी है, जिसमें सैकड़ों परिवार उजड़ गए। रमेश का भाई को दिया गया कंधा हमें यह याद दिलाता है कि जीवन में संवेदनाएं, रिश्ते और क्षणिक परिवर्तन कितने गहरे होते हैं।