
पुणे जिले के तलेगांव क्षेत्र में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना पुल रविवार दोपहर अचानक ढह गया, जिससे बड़ा हादसा हो गया। यह हादसा कुंडमाला गांव के पास हुआ, जो पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। तेज बहाव में बहकर अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 15 से 20 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर बहुत तेज़ी से बढ़ा और बहाव इतना तेज़ था कि जब पुल गिरा, तो उस पर मौजूद कई लोग पानी में बह गए। एनडीआरएफ, दमकल विभाग और स्थानीय पुलिस की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, यह पुल कई वर्षों से जर्जर अवस्था में था और इसे पहले ही वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। हालांकि, बारिश के दौरान स्थानीय लोग अक्सर इस पुल का उपयोग पैदल आने-जाने के लिए करते थे। रविवार को भी कुछ लोग इसी रास्ते से गुजर रहे थे जब अचानक पुल टूट गया।
बारिश के कारण नदी का जलस्तर पहले से ही बढ़ा हुआ था और तेज़ बहाव ने पुल के कमजोर ढांचे को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। अब तक 5 शव बरामद किए जा चुके हैं और लापता लोगों की तलाश जारी है। तेज बहाव और मौसम की खराबी के कारण राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन टीमों ने पूरी मुस्तैदी के साथ तलाशी अभियान जारी रखा है।
एक अधिकारी ने बताया, “हमारी प्राथमिकता लापता लोगों को जल्द से जल्द खोज निकालना है। स्थानीय मछुआरों की मदद भी ली जा रही है और ड्रोन कैमरों का भी उपयोग किया जा रहा है।”महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राहत कार्यों में कोई कोताही न बरती जाए।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “पुणे के तलेगांव में हुई इस दुर्घटना से मैं बेहद दुखी हूं। हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं और हर संभव सहायता दी जाएगी।”इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में प्रशासन को लेकर नाराज़गी भी देखी गई। उनका कहना है कि यदि पुल की हालत खराब थी तो इसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए था और लोगों को वहां जाने से रोकने के लिए पुख्ता इंतज़ाम किए जाने चाहिए थे।
यह हादसा एक बार फिर से जर्जर हो चुके बुनियादी ढांचे और मानसून के समय सतर्कता की कमी की ओर इशारा करता है। इंद्रायणी नदी पर पुल गिरने की यह घटना न केवल एक बड़ी मानवीय त्रासदी है, बल्कि एक चेतावनी भी है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए समय रहते प्रभावी कदम उठाए जाने बेहद जरूरी हैं। राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है, और पूरे प्रदेश की निगाहें लापता लोगों के सुरक्षित मिलने पर टिकी हैं।