राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जन्मदिन पर दृष्टिबाधित छात्रों ने गाया भावुक गीत, भावविभोर हुईं महामहिम
दृष्टिबाधित बच्चों की स्वरांजलि ने छू लिया दिल

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जन्मदिन के अवसर पर दृष्टिबाधित दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु राष्ट्रीय संस्थान (NIEPVD), देहरादून के छात्रों ने एक भावुक कर देने वाला जन्मदिन गीत प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर राष्ट्रपति मुर्मू visibly भावविभोर हो उठीं।इस हृदयस्पर्शी प्रस्तुति ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों की आंखें नम कर दीं और यह पल एक गहन मानवीय जुड़ाव का प्रतीक बन गया।
इस विशेष अवसर पर NIEPVD के छात्रों ने राष्ट्रपति के स्वागत में एक संवेदनशील और आत्मीय जन्मदिन गीत प्रस्तुत किया, जिसकी पंक्तियों में न केवल शुभकामनाएं थीं, बल्कि सम्मान, आभार और प्रेम भी समाहित था।
गीत की प्रस्तुति के दौरान छात्रों की सुगठित ताल, भावपूर्ण उच्चारण और सुरों की मधुरता ने पूरे सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राष्ट्रपति मुर्मू की आंखें नम थीं और उन्होंने मंच पर जाकर बच्चों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा:
“आप सभी ने मेरे जन्मदिन को अविस्मरणीय बना दिया। यह गीत मेरे जीवन का सबसे सुंदर उपहार है।”
यह कार्यक्रम दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए कार्यरत राष्ट्रीय संस्थान द्वारा आयोजित किया गया था, जहां विभिन्न राज्यों से आए छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, हस्तनिर्मित उपहार और देशभक्ति गीत भी प्रस्तुत किए गए।
संस्थान के निदेशक ने बताया:
“यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि देश की महामहिम राष्ट्रपति हमारे बीच आईं और हमारे छात्रों के उत्साह को बढ़ाया।”
गीत प्रस्तुति के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने NIEPVD परिसर का दौरा किया और विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों, ब्रेल प्रेस, कंप्यूटर लैब और पुनर्वास सेवाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रों से संवाद भी किया और उनके प्रयासों को सराहा।
राष्ट्रपति ने कहा:
“आप सभी की लगन, मेहनत और आत्मबल देश के लिए प्रेरणा है। सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु लगातार काम कर रही है और इस दिशा में NIEPVD जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह दौरा न केवल एक औपचारिक कार्यक्रम था, बल्कि यह संवेदनशील और समावेशी नेतृत्व का उदाहरण भी था। उन्होंने बच्चों के साथ संवाद किया, उनके कार्यों को सराहा और यह सुनिश्चित किया कि वे समाज के मुख्यधारा में आत्मगौरव के साथ आगे बढ़ सकें।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का यह जन्मदिन केवल एक औपचारिक दिन नहीं रहा, बल्कि यह संवेदनशीलता, सादगी और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया। NIEPVD के दृष्टिबाधित छात्रों द्वारा गाया गया गीत न केवल एक संगीतमय प्रस्तुति थी, बल्कि उसमें एक भावनात्मक पुल था, जिसने राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्तित्व को भी छू लिया।