
तेलंगाना के सांगारेड्डी ज़िले के पासामैलारम औद्योगिक क्षेत्र में आज सुबह एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने कई परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया। ‘सिगाची इंडस्ट्रीज़’ नाम की रासायनिक फैक्ट्री में अचानक ज़ोरदार धमाका हो गया। धमाके की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि आसपास के इलाकों तक सुनाई दी, और कुछ ही पलों में आग की लपटों ने फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। जो लोग उस वक्त भीतर काम कर रहे थे, उन्हें समझने का मौका तक नहीं मिला। कुछ लोग जान बचाकर भाग पाए, लेकिन कई लोगों के लिए ये सुबह आखिरी बन गई। इस भीषण हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। ये वो लोग थे जो रोज़ की तरह काम पर आए थे, पर अब कभी घर वापस नहीं लौटेंगे। वहीं, 26 से ज़्यादा लोग घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है। ज़ख्मी मज़दूरों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, और उनके परिजन बेसब्री से हर अच्छे अपडेट का इंतज़ार कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह धमाका फैक्ट्री के एक रिएक्टर में तकनीकी गड़बड़ी या रासायनिक प्रतिक्रिया के कारण हुआ। चश्मदीदों ने बताया कि ब्लास्ट के बाद फैक्ट्री के अंदर अफरा-तफरी मच गई थी, कुछ कर्मचारियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम तुरंत शुरू कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
हादसे के बाद पूरे फैक्ट्री परिसर को बंद कर दिया गया है और आसपास के इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है। दमकल विभाग की कई गाड़ियां अब भी वहां मौजूद हैं, वहीं एनडीआरएफ की टीम भी लगातार रेस्क्यू में जुटी हुई है। बताया जा रहा है कि जिस यूनिट में धमाका हुआ, वहां बेहद ज्वलनशील रसायनों का इस्तेमाल होता था, जिसकी वजह से आग बहुत तेजी से फैली और कर्मचारियों को निकलने का मौका नहीं मिल पाया। कुछ मजदूरों ने बताया कि पहले भी फैक्ट्री में सुरक्षा को लेकर लापरवाही की शिकायतें हुई थीं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जानकारी ये भी है कि जिस रिएक्टर में विस्फोट हुआ, उसकी तकनीकी जांच काफी समय से नहीं हुई थी। विशेषज्ञों की एक टीम अब फैक्ट्री से सैंपल इकट्ठा कर रही है ताकि पता चल सके कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे इतनी भीषण दुर्घटना घटी। इस बीच प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और घायलों के इलाज का सारा खर्च सरकार उठा रही है। वहीं दूसरी ओर, स्थानीय लोग काफी नाराज़ हैं। उनका कहना है कि फैक्ट्री पहले से ही खतरनाक थी और अब जब इतना बड़ा हादसा हो गया है, तो प्रशासन को जवाबदेही तय करनी चाहिए।