जसप्रीत बुमराह को दूसरा टेस्ट मिलेगा आराम, अकाश दीप करेंगे डेब्यू – टीम चयन पर उठे सवाल
अकाश दीप को मिला मौका

इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मुकाबले से पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है। कप्तान शुभमन गिल ने बुधवार को पुष्टि की कि अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को आराम दिया गया है और उनकी जगह युवा तेज़ गेंदबाज़ अकाश दीप को अंतिम एकादश में शामिल किया गया है। यह फैसला तब लिया गया है जब पहले टेस्ट में हार के बाद टीम को एक सप्ताह का ब्रेक मिला था।
बुमराह को आराम देने का फैसला चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन द्वारा लिया गया है ताकि वे सीरीज के आगे के मैचों के लिए तरोताज़ा रह सकें। हालांकि, इस निर्णय ने क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच बहस छेड़ दी है, क्योंकि बुमराह ने पहले टेस्ट में अच्छी गेंदबाज़ी की थी और उनकी मौजूदगी इंग्लैंड की परिस्थितियों में भारत के लिए अहम मानी जा रही थी।
बुमराह की गैरमौजूदगी में बंगाल के तेज़ गेंदबाज़ अकाश दीप को पदार्पण का मौका मिला है। घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन और भारत ‘ए’ टीम में निरंतर प्रभाव छोड़ने के बाद यह डेब्यू उनके लिए एक बड़ा मौका होगा। शुभमन गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अकाश ने नेट्स में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और वह इस मौके के लिए तैयार हैं।”
जहाँ एक तरफ बुमराह को आराम देकर युवा गेंदबाज़ को मौका देना एक समझदारी भरा कदम माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कुलदीप यादव को लगातार नजरअंदाज करना चयन नीति पर सवाल खड़े कर रहा है। टीम ने दो स्पिन गेंदबाज़ों – रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर – को चुना है, जबकि कुलदीप, जो हाल के महीनों में शानदार फॉर्म में रहे हैं, को फिर अंतिम एकादश से बाहर रखा गया।
कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि कुलदीप की चाइनामैन गेंदबाज़ी इंग्लैंड की पिचों पर एक एक्स-फैक्टर साबित हो सकती थी, खासकर जब बल्लेबाज़ स्पिन को लेकर संघर्ष कर रहे हों।
वॉशिंगटन सुंदर को टीम में शामिल करने का एक बड़ा कारण उनकी बल्लेबाज़ी क्षमता को माना जा रहा है। टीम प्रबंधन ने एक बार फिर बैटिंग लाइन-अप को गहराई देने को प्राथमिकता दी है। सुंदर की मौजूदगी से भारत के पास एक अतिरिक्त ऑलराउंड विकल्प मौजूद रहेगा, जिससे निचले क्रम की बल्लेबाज़ी मजबूत होगी।
टीम इंडिया के चयन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं – एक ओर जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ को आराम दिया गया है, दूसरी ओर कुलदीप यादव जैसे इन-फॉर्म स्पिनर को जगह नहीं दी गई। कुछ पूर्व खिलाड़ियों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी जताई है और इसे “रक्षात्मक चयन नीति” करार दिया है।