म्यूच्यूअल फण्ड – लम्बी अवधी के लिए बेहतरीन निवेश, पर सही जानकारी और सलाह भी जरूरी।
म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं। और हर म्यूच्यूअल फण्ड Scheme के लिए एक फण्ड मैनेजर होता है, निवेशकों का पैसा कहा निवेश करना है ये निर्णय Fund Manager ही लेता है।
अलग-अलग लोगों की अलग– अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड मौजूद हैं। मोटे तौर पर ये तीन प्रकार के होते हैं-
- इक्विटी फंड्स
- ये अधिकांश रूप से इक्विटी अर्थात कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं
- इनका मूल्य उद्देश्य संपदा निर्माण या Capital Appreciation होता है।
- उनमें उच्च लाभ देने की अच्छी संभावनाएं होती हैं और दीर्घकालीन निवेश के लिए वे सर्वश्रेष्ठ हैं।
- उदाहरण के लिए लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप or मल्टी कैप फंड
- आय(income) या बॉन्ड फंड / डेब्ट फण्ड (Debt Fund)
- ये नियत आय प्रतिभूतियों (Fixed Income securities) जैसे सरकारी प्रतिभूतियां(Govt securities) या बॉन्ड, कॉमर्शियल पेपर या डिबेंचर, डिपॉज़िट सर्टीफिकेट और ट्रेजरी बिल, कॉमर्शियल पेपर जैसे मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।
- ये तुलनात्मक रूप से सुरक्षित निवेश होते हैं और आय(income) निर्माण के लिहाज से उपयुक्त होते हैं।
- लिक्विड, लघु अवधि (short term), फ्लोटिंग दर(Floating Rate),कारपोरेट ऋण,(Corporate Debt) डायनामिक बॉन्ड, गिफ्ट फंड आदि उदाहरण हो सकते हैं।
- हाइब्रिड/ बैलेंस फण्ड
- ये इक्विटी और Debt instrument दोनो में निवेश करते हैं, इस प्रकार से ये funds कैपिटल अप्प्रिसिअशन के लिए सतुंलित और अच्छा बिकल्प होते हैं ।
- एग्रेसिव बैलेन्स्ड फंड, कंसरवेटिव बैलेन्स्ड फंड, पेंशन फंड, hybrid fund आदि इसके उदाहरण हैं।
म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं
- फंड की पूलिंग (pooling of funds): निवेशक म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, और बदले में, उन्हें उनके द्वारा निवेश की गई राशि के आधार पर फंड के यूनिट प्राप्त होते हैं।
- विविधीकरण (डायवर्सिफिकेशन) : फंड मैनेजर एकत्रित धन को अलग अलग एसेट क्लास में निवेश करता हैं । यह (डायवर्सिफिकेशन) जोखिम कम करने में मदद करता है क्योंकि अलग अलग एसेट क्लास की Return और जोखिम अलग-अलग हो सकती है…….डायवर्सिफिकेशन लॉन्ग टर्म फिनांशल प्लानिंग के लिए एक बेहद अहम् है।
- व्यावसायिक प्रबंधन (Professional Management): फंड मैनेजर निवेशकों की ओर से निवेश संबंधी निर्णय लेते हैं। वे बाजार की स्थितियों का विश्लेषण करते हैं, संभावित निवेशों पर शोध करते हैं और फंड के रिटर्न को अधिकतम करने का लक्ष्य रखते हैं।
- नेट एसेट वैल्यू (एनएवी): म्यूचुअल फंड में एक शेयर या यूनिट के मूल्य को नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के रूप में जाना जाता है….NAV को आप शेयर की कीमत की तरह भी समझ सकते हैं……यानि की जिसके पास जितने शेयर वो उतने हिस्से का मालिक।
म्यूच्यूअल फण्ड – फण्ड एक फ़ायदे अनेक……
म्यूच्यूअल फण्ड के जरिये आप लॉन्ग टर्म कैपिटल अप्प्रिसशन को हासिल कर सकते हैं, म्यूच्यूअल फंड्स एक लम्बी अवधी का इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट है…..हालाँकि आप म्यूच्यूअल फंड्स में कभी भी एंट्री और एग्जिट कर सकते हैं। 365 दिन से काम अवधी पर Short Term Capital Gain Tax देना होता हो जबकि 365 दिन से अधिक अवधी पर Long Term Capital Gain Tax लगता है।
SIP या एकमुश्त (LUMSUM Investment) के जरिये आप म्यूच्यूअल फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं । SIP 500 रूपये प्रति माह से शुरू हो जाती है और फिर हर महीने आपके द्वारा चुनी गयी तिथि को आपके बैंक से ऑटो डेबिट होती है।
Mutual Fund जीवन के Financial Goals जैसे की (Retirement, Child Education और Wealth Creation) को हासिल करने का एक अच्छा बिकल्प है। पर साथ ही बाजार में होने वाली उथल पुथल पर भी नज़र बनाये रखने की जरूरत है, इसलिए इक्विटी म्यूच्यूअल फंड्स साथ हाइब्रिड और डेब्ट फंड्स को भी पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए इससे पोर्टफोलियो को Balanced और Diversified रखा जा सकता है और जो इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी लिहाज से बेहद अहम् है।
बाजार में खरीदारी का सबसे सस्ता दिन कौन सा होगा ये तय कर पाना मुश्किल काम है इसलिए हर महीने SIP के इन्वेस्टमेंट के जरिये आप इस दुविधा का समाधान कर सकते है..SIP के जरिये हर महीने निवेश करने से आपको Average Buying का फायदा भी मिलता है…और लम्बी अवधी में पावर ऑफ़ कम्पाउंडिंग के जरिये एक शानदार Corpus तैयार कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए 2000 रूपये प्रति महीने लगातार 30 साल तक SIP के जरिये निवेश करने पर 15 % की ग्रोथ रेट पर 30 साल बाद 1 करोड़ 12 लाख से अधिक का Corpus तैयार हो सकता हैं।…..SIP के जरिये अच्छी राशि पाने का एक ही नियम है ……Start Early & Stay Invested
यद्यपि म्यूच्यूअल फंड्स का अपना पास्ट ट्रैक रिकॉर्ड है और बीते कई दशकों से बेहतरीन रिटर्न्स के साथ निवेशकों की पसंद बना हुआ है……पर फिर भी निवेशकों को इस लाइन का हमेशा ध्यान रखना चाहिए Mutual Fund investments are subject to market risks, read all scheme related documents carefully.