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बैंको के डिपॉजिट ग्रोथ में आ रही कमी से RBI चिंतित

बैंको में डिपॉजिट ग्रोथ में लगातार हो रही कमी और इससे भविष्य में कर्ज देने में होनी वाली दिक्कतों पर रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने चिंता जताई है। RBI गवर्नर शशिकांत दास ने बैंको से कहा है कि वे अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर ग्राहकों से इनोवेटिव प्रोडक्ट्स और सर्विसेज के जरिये डिपॉजिट जुटाएं। गुरुवार को MPC के फैसले सुनते हुए RBI गवर्नर शशिकांत दास ने चिंता जताते हुए कहा कि जिस तरह तेजी से बचत लगातार अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट की ओर बढ़ रही है उससे भविष्य में बैंकों को कर्ज देने में दिक्कतें आ सकती हैं। साथ ही उन्होंने बैंको से कहा कि बढ़ती लोन डिमांड को पूरा करने के लिए शॉर्ट टर्म नॉन रिटेल डिपॉजिट के अन्य साधनों का सहारा ले रहे हैं। इससे बैंकिंग सिस्टम में स्ट्रक्चरल लिक्विडिटी संबंधी दिक्कतें आ सकती है.

SBI की रिपोर्ट

हाल ही में आयी SBI की रिसर्च बताती है कि अब लोग बैंकिंग डिपॉजिट की जगह वैकल्पिक निवेश की तरफ अधिक आकर्षित हो रहे हैं और इससे बैंको को फंडिंग के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पद सकता है। SBI की इसी रिपोर्ट के मुताबिक देश के बैंकों की लोन ग्रोथ तो बढ़ रही है पर डिपॉजिट उस हिसाब से नहीं बढ़ रहा है। लोग अब बैंक में  पैसा जमा करने की वजाय म्यूच्यूअल फण्ड और इक्विटी में निवेश कर रहे है.

रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है जबकि इसी समय विकसित देशों में पॉलिसी रेट में बदलाव किया है। बैंक ऑफ़ इंग्लैंड ने पिछले सप्ताह ही ब्याज दरों में कटौती की। बैंक ऑफ़ जापान ने ब्याजदर को बढाकर 2008 के बाद से उच्च स्तर पर किया है तो वही अमेरिका में रोजगार के कमजोर आकड़ों और मंदी की बढ़ती आशंका से अमेरिकी फेडरल रिज़र्व पर दवाब है.

RBI ने 2024-25 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.2% पर बरकरार रखा है। साथ ही वित्त वर्ष 24-25 के लिए रिटेल इन्फ्लेशन के 4.5 % के अनुमान को भी बरकरार रखा है.

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