तमिलनाडु के मदुरै जिले के अवनियापुरम में पोंगल 2025 की शुरुआत रोमांचक जल्लीकट्टू प्रतियोगिता के साथ हुई। इस साल के आयोजन में 1,100 सांडों और 900 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिससे यह ऐतिहासिक और प्राचीन 2,000 साल पुरानी परंपरा और भी भव्य हो गई।
जल्लीकट्टू तमिलनाडु का एक प्रसिद्ध पारंपरिक खेल है, जिसे पोंगल के अवसर पर आयोजित किया जाता है। इस प्रतियोगिता में युवा प्रतिभागी बिना किसी हथियार के सांडों को काबू में करने की कोशिश करते हैं। यह खेल न केवल साहस और शौर्य का प्रतीक है, बल्कि तमिल संस्कृति की समृद्ध धरोहर को भी दर्शाता है।
अवनियापुरम में आयोजित इस साल की जल्लीकट्टू प्रतियोगिता को देखने के लिए हजारों दर्शक पहुंचे। आयोजन स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, ताकि यह पारंपरिक खेल सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।
इस बार के जल्लीकट्टू में विजेताओं के लिए विशेष पुरस्कार रखे गए हैं, सर्वश्रेष्ठ सांड के मालिक को ट्रैक्टर प्रदान किया गया।सबसे बेहतरीन सांड पकड़ने वाले प्रतिभागी को ₹8 लाख की कार दी गई।इसके अलावा, अन्य प्रतिभागियों के लिए भी नगद पुरस्कार और उपहार रखे गए थे।
हर साल जल्लीकट्टू का रोमांच बढ़ता जा रहा है, और यह प्रतियोगिता दुनियाभर में तमिल संस्कृति और परंपरा का संदेश पहुंचा रही है। इस खेल को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और पशुपालकों में विशेष उत्साह रहता है, क्योंकि यह खेल देशी नस्लों के संरक्षण और पशुपालन की परंपरा को भी बढ़ावा देता है।
तमिलनाडु की पोंगल उत्सव की यह प्रतियोगिता सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि सदियों पुरानी परंपरा और विरासत का प्रतीक है। जल्लीकट्टू तमिल समाज के साहस, शक्ति और गौरव को प्रदर्शित करता है, जो इसे दुनिया की सबसे अनोखी प्रतियोगिताओं में से एक बनाता है।इस आयोजन के साथ पोंगल 2025 का उत्सव पूरे तमिलनाडु में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है, जिसमें पारंपरिक खेलों, पकवानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम देखने को मिल रही है।